नेपाल ने उठाया ये बड़ा कदम, खोली सीमाएं, सेना को दिया ये बड़ा आदेश

इसको लेकर पिछले कुछ समय से भारत और नेपाल के संबंधों में तल्खियां चल रही हैं. हालांकि नेपाल भारत का पुराना मित्र रहा है. नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे को लेकर भारत भी अपनी प्रतिक्रिया दे चुका है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए.

 

अब तक भारत के तरफ सीमा की निगरानी एसएसबी करती थी वहीं नेपाल की तरफ से सशस्त्र प्रहरी बल (एपीएफ) के हवाले सुरक्षा की जिम्मेदारी थी.

भारत के साथ तनाव को देखते हुए नेपाल ने अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की तैनाती को भी मंजूरी दी है. यह पहली बार है जब नेपाल-भारत सीमा पर सेना की तैनाती होने जा रही है.

नेपाल सरकार ने अपनी खुली सीमाओं को बंद करने और निर्धारित सीमा क्षेत्र से ही नेपाल में एंट्री देने का फैसला किया है. ऐसा पहली बार हो रहा है. नेपाल और भारत के बीच करीब 1,700 किलोमीटर की खुली सीमाएं हैं.

नेपाल ने अपने नागरिकों को वापस आने की इजाजत उस समय दी है, जब उसका भारत‌ के साथ सीमा विवाद चल रहा है. नेपाल सरकार ने अपना नया राजनीतिक नक्शा तैयार किया है, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है.

भारत और नेपाल सीमा को नेपाली नागरिकों के लिए खोल दिया गया है. यह बॉर्डर मार्च से बंद था. नेपाल सरकार ने वापस आने वाले अपने नागरिकों के लिए बॉर्डर खोल दिया है. अब नेपाल के जो नागरिक अपने वतन वापस लौटना चाहते हैं, वो जा सकते हैं.