भारत के खिलाफ नेपाल ने उठाया ये बड़ा कदम, पूरी तरह से किया…

नेपाल के तराई इलाकों में रहने वाले अधिकांश लोग हिंदी बोलते हैं। ये बात साल 2011 में नेपाल में हुई जनगणना में सामने आई। भारत की सीमा से सटे इन क्षेत्रों में रहने वालों की कुल संख्या 77,569 है।

 

यानी ये नेपाल की लगभग 0.29 प्रतिशत आबादी है। हालांकि इसके बाद भी नेपाल के भीतरी हिस्सों में भी लोग बड़ी संख्या में हिंदी बोलते और समझते हैं.।इसकी वजह है भारत-नेपाल के बीच अच्छे संबंध और आसानी से एक से दूसरे देश में आवाजाही हो सकना।

वैसे संसद में प्रस्ताव देते ही खुद अपनी पार्टी के लोग पीएम का विरोध करने लगे। इसकी वजह ये है कि नेपाल में बड़ी आबादी हिंदी बोलती है। खासकर तराई में रहने वाले हिंदी, भोजपुरी या मैथिली में ही बात करते हैं।

नेपाल की ओली सरकार अब हिंदी पर प्रतिबंध लगाने जा रही है। नए राजनीतिक नक्शे में उत्तराखंड के तीन क्षेत्रों को अपना बताने के बाद पीएम केपी शर्मा ओली ने भारत के खिलाफ यह एक और कदम उठाया है।

पीएम के इस प्रस्ताव को उग्र राष्ट्रवाद के तहत देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि देश में कोरोना को लेकर बुरी तरह से घिरे पीएम लोगों का ध्यान मुद्दे से भटकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।