नेपाल ने उठाया ये बड़ा कदम, भारत के इन इलाकों पर किया…

संशोधित नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाकों पर दावा किया गया है. नेपाल का कहना है कि जिन इलाकों को उसने नए नक्शे में अपना हिस्सा बताया है.

वहां साल 1962 तक उनका कब्जा था. उनकी दलील है कि वहां वो जनगणना करवाते थे. इसके अलावा जमीन रजिस्ट्री की लोगों को सर्टिफिकेट भी देते थे. हालांकि भारत ने नेपाल के दावों को पहले ही खारिज कर दिया है.

भारत ने दावों को किया खारिजभारत ने शनिवार को नेपाल के मानचित्र में बदलाव करने से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को नेपाली संसद के निचले सदन में पारित किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि ये कृत्रिम विस्तार साक्ष्य एवं ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह मान्य नहीं है.

नेपाल (Nepal) की नेशनल असेम्बली ने भी देश के नए नक्शे को मंजूरी दे दी है. नेपाल ने नए नक्शे (New Map of Nepal) में भारत के तीन क्षेत्रों को अपना बताया है.

संविधान संशोधन विधेयक को बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. सभी 57 मौजूद सदस्यों ने विधेयक के समर्थन में मतदान किया. इसके बाद नेपाल के राष्ट्रीय प्रतीक में नक्शे को बदलने का रास्ता साफ हो गया है. निचले सदन में इसे पहले ही पास करा लिया गया था. नेपाल के कई सांसदों ने देश के इस कदम पर सवाल उठाए हैं.