नेपाल ने शुरू किया ये काम, नक्शे को लेकर पहुचा यहाँ, भारत दे चुका है चेतावनी

संविधान संशोधन प्रस्ताव पिछले महीने संसद में पेश किया जाना था लेकिन प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने कहा कि मामले पर चर्चा के लिए वह सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहते हैं, जिसके बाद इस पर आगे नहीं बढ़ा जा सका.

 

विधेयक में संविधान की तीसरी अनुसूची में शामिल नेपाल के राजनीतिक मानचित्र में बदलाव का प्रस्ताव है. संविधान में संशोधन के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है.सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) और विपक्षी दल के सांसद चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं.

नेपाल की संसद में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के पास दो-तिहाई बहुमत है लेकिन संविधान संशोधन प्रस्ताव को निचले सदन में पारित करवाने के लिए उसे दूसरे दलों का समर्थन चाहिए क्योंकि वहां उसके पास दस सीट कम हैं. ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन करने का निर्णय किया है.

नेपाल (Nepal) की संसद में देश के राजनीतिक मानचित्र में बदलाव करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा मंगलवार को शुरू हुई. भारत के साथ सीमा गतिरोध के बीच इस मानचित्र में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है.

कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री शिवमाया थुम्भांगफे ने देश के मानचित्र में बदलाव के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए इसे पेश किया.