मीटिंग में दोनों नेताओं में हुई कहासुनीमीटिंग में प्रचंड ने कहा कि सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरने में विफल रही है. उन्होंने चेयरपर्सन और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर अदल-बदलकर पावर शेयरिंग के समझौते का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया.
उन्होंने कहा कि हम पार्टी के एकीकरण के वक्त सरकार को अदल-बदलकर चलाने के लिए सहमत हुए थे लेकिन मैंने खुद अपने कदम पीछे खींच लिए. सरकार का काम देखने के बाद मुझे लग रहा है मैंने ऐसा करके गलती की. प्रचंड ने ओली पर पार्टी पर कब्ज़ा जमाने की कोशिशें करने का भी आरोप लगाया है.
प्रचंड ने मीटिंग में ओली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आपको लगता है कि मुझे नीचा दिखाने से आपका कद बढ़ जाएगा तो ये आपकी भूल है. प्रचंड ने आगे कहा कि सरकार समाजवाद हासिल करने के अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाती है.
तो पार्टी को अगले चुनावों में असफलता देखनी पड़ सकती है. उधर ओली ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि प्रशासन देशहित में जुटा हुआ है और अपनी ही पार्टी के नेता ही विपक्ष की तरह बर्ताव कर रहे हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक प्रचंड ने सबसे सामने ही ओली से ये तक कह दिया कि उनके बारे में दुष्प्रचार करने ने ओली का कद पार्टी में बड़ा नहीं हो जाएगा. हालांकि ओली ने भी नया नक्शा जारी कर भारतीय हिस्सों को अपने यहां दिखाने को एक ऐतिहासिक कदम बताया है.
दो बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने ओली सरकार को इस मीटिंग में आड़े हाथों लिया और सरकार की खराब प्रदर्शन के लिए काफी आलोचना भी की. दरअसल ये मीटिंग नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के 45 सबसे बड़े नेताओं के बीच होती है जिसमें सरकार और पार्टी के काम की विवेचना की जाती है.
भारत (India-Nepal Border Dispute) के प्रति लगातार कड़े तेवर दिखा रहे नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली (KP Oli) को अब पार्टी के भीतर से ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
नेपाल की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकारी चेयरपर्सन पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) ने बुधवार को पार्टी मीटिंग में केपी ओली को खरी-खरी सुना दी.