नेपाल ने भारत के सामने रखी ये शर्त, कहा करे…नहीं तो…

नेपाल वर्कर्स ऐंड पीजेंट्स पार्टी के सांसद प्रेम सुवल के अनुसार, पीएम ओली ने सभी नेताओं को आश्वस्त किया है कि सरकार अपने देश की जमीन भारत के लिए नहीं छोड़ देगी।

 

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि सरकार अपने पूर्वजों द्वारा अर्जित की गई जमीन को हर हाल में सुरक्षित करेगी। ओली ने नेताओं को आगाह किया कि बाहर से आ रहीं सूचनाओं के आधार पर अपना नजरिया ना तय करें।

नेपाल के विदेश मंत्री ग्यावली के मुताबिक, सभी नेताओं ने पीएम ओली ने कूटनीतिक तरीकों से लिपुलेख समस्या का समाधान निकालने की अपील की है। पीएम ओली का कहना है कि भारत इस मामले में सुस्ती दिखा रहा है।

भारत ने कहा कि कोरोना महामारी के अंत के बाद ही इस विषय पर वार्ता की जानी चाहिए। इस पर नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा था कि वह वार्ता के लिए कोरोना वायरस संकट के खत्म होने का इंतजार नहीं कर सकता है।

पीएम ओली ने कहा कि भारत इस मामले में सुस्ती दिखा रहा है। उनका कहना है कि भारत ने कहा कि कोरोना महामारी के अंत के बाद ही इस विषय पर वार्ता की जानी चाहिए। इस पर नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा था कि वह वार्ता के लिए कोरोना वायरस संकट के खत्म होने का इंतजार नहीं कर सकता है।

लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र को लेकर नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर विवाद बढ़ गया है। नेपाल में इस मुद्दे पर सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने लिपुलेख में भारत के सड़क बनाने पर बुधवार को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई। इस बैठक में तमाम सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री भी शामिल हुए।

भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख में शुक्रवार को कैलाश मानसरोवर रोड लिंक का उद्घाटन किया था। भारत के इस कदम की नेपाल की सत्तारूढ़ और विपक्ष पार्टियों ने एकसुर में आलोचना की है।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बुधवार को बैठक में कहा कि भारत नेपाली क्षेत्र में बनी सड़क का इस्तेमाल भले ही कर ले, लेकिन वह अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा।