तो वहीं, सुरक्षा एजेंसियों ने भी मोदी सरकार को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। इसमें रक्सौल, आदापुर, छौड़ादानो और रामगढ़वा प्रखंड इलाके से जुड़े नो मेंस लैंड के करीब नेपाली आर्मी की चौकी बनाने की तैयारी है।
ये नेपाल की वो हरकत जो जिससे इन दिनों उसकी आलोचना हो रही है। कुछ का कहना है कि अब नेपाल भी पाकिस्तान जैसे हरकतें करने पर उतारू हो गया।
नेपाल ने अपने सरहदी इलाकों में आर्मी की तैनाती को मंजूरी दी है। दोनों देशों के इतिहास में यह पहली बार है जब सीमा पर सेना की तैनाती होगी। सीमा पर अब तक हिंदुस्तान की तरफ से एसएसबी और नेपाल से सशस्त्र प्रहरी बल (एपीएफ), जनपद पुलिस तैनात है।
सुरक्षा एजेंसियों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस चौकी का लाभ हिंदुस्तान विरोधी संस्थाओं को मिलेगा। नेपाल के ताजा निर्णय से हिंदुस्तान सरहदी इलाकों के नागरिकों में आक्रोश है।
नेपाल हुकूमत ने हिंदुस्तानी धरती को अपना बताने वाला नया मैप जारी करने के बाद अब सरहदी इलाकों में नेपाली आर्मी की तैनाती शुरू कर दी है। इसकी सूचना भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों ने दी है।