नेपाल व चीन मिलकर कर सकता है ये काम, पूरे तरह से…हो रहा तैयार…

इस समझौते में माउंट एवरेस्ट के संयुक्त मापन का उल्लेख तो नहीं है लेकिन आपसी योगदान की बात जरूर कही गई है। इस समझौते के अनुच्छेद 5 के मुताबिक दोनों देश माउंट एवरेस्ट के सर्वेक्षण, मानचित्रण व geoinformation management के लिए आपसी योगदान तंत्र विकसित करेंगे।

जबकि अनुच्छेद 4 में माउंट एवरेस्ट के स्थलाकृतिक मानचित्रण, भौगोलिक सूचना प्रणाली के क्षेत्र में संयुक्त वैज्ञानिक अनुसंधान व इंजीनियरिंग योगदान करने का भी प्रावधान है।

बता दें कि पिछले वर्ष 13 अक्टूबर 2019 को दोनों राष्ट्रों के बीच माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापने को लेकर एक समझौता हुआ था। इस समझौते के अनुच्छेद 1 के अनुसार चाइना व नेपाल मिलकर संयुक्त रूप से माउंट झूमुलांगमा (Mount Zhumulangma)/ सागरमाथा (mount Sagarmatha) की ऊंचाई की घोषणा करेंगे। इसके लिए दोनों देश आपसी सुविधानुसार तारीख व समय तय करेंगे।

दोनों राष्ट्रों के बीच हुए एक समझौते के तहत की जानी है। चाइना की इस प्रयास को नेपाल में दखल के नए कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि चाइना के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय व नेपाल के धरती प्रबंधन, सहकारिता मंत्रालय ने ऐसी किसी घोषणा से मना किया है।

नेपाल (Nepal) व चाइना मिलकर जल्द ही दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट ( Mount Everest) की नयी ऊंचाई की घोषणा कर सकते हैं। यह घोषणा पिछले वर्ष