अरब सागर में नौसेना ने दिखाई ताकत, पैराशूट से कूदे मार्कोस कमांडो, समुद्री लुटेरों से बचाया जहाज

भारतीय नौसेना ने एक बार फिर हिंद महासागर और अरब सागर में अपने दबदबे का नमूना पेश किया है। नौसेना ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ अरब सागर में चल रहे ऑपरेशन में सफलता हासिल करते हुए व्यापारिक जहाज एमवी रुएन को समुद्री लुटेरों के चंगुल से छुड़ा लिया है और साथ ही 35 समुद्री लुटेरों को हिरासत में लिया है। इस ऑपरेशन के तहत नौसेना ने भारतीय तटों से 2600 किलोमीटर दूर समुद्री डाकुओं के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया। करीब 40 घंटे चले ऑपरेशन में नौसेना के आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा युद्धपोत, ड्रोन्स और मरीन कमांडो शामिल हुए।

विमान से अरब सागर में कूदे मार्कोस कमांडो
नौसेना ने बताया कि ऑपरेशन के तहत वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की मदद से मार्कोस कमांडो को भारतीय तट से 2600 किलोमीटर दूर अरब सागर में एयरड्रॉप किया गया। साथ ही मार्कोस कमांडो के लिए कई विशेष नौकाएं भी अरब सागर में गिराई गईं। इन नौकाओं की मदद से भारतीय मार्कोस कमांडो अगवा किए गए व्यापारिक जहाज एमवी रुएन पर सवार हुए और वहां ऑपरेशन चलाकर समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया।

नौसेना का यह ऑपरेशन करीब 40 घंटे चला। इस दौरान समुद्री लुटेरों ने भी भारतीय जवानों पर कई बार फायरिंग की। नौसेना के अनुसार, इस अहम रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत भारतीय युद्धपोत आईएनएस कोलकाता पर 35 समुद्री लुटेरों को हिरासत में लिया गया और अब उन्हें भारतीय तट पर लाया जा रहा है। साथ ही व्यापारिक जहाज एमवी रुएन के 17 क्रू सदस्यों को भी सुरक्षित बचा लिया गया है और उन्हें भी भारतीय तट पर लाया जा रहा है।

एमवी रुएन को भारतीय तट पर लाया जा रहा
भारतीय नौसेना समुद्री लुटेरों के कब्जे से छुड़ाए गए जहाज एमवी रुएन को भी भारतीय तट पर लेकर आ रही है। इस जहाज पर भारी मात्रा में स्टील मौजूद है। नौसेना ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान समुद्री लुटेरों ने भी मरीन कमांडो पर फायरिंग की, लेकिन जवाबी कार्रवाई के बाद उन्होंने हथियार डाल दिए।