बीजेपी को लेकर नवजोत सिद्धू ने खोला ये राज, कहा पाक ने दिया ये संकेत

कांग्रेस पार्टी विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के बीजेपी में लौटने की अटकलें फिर से प्रारम्भ हो गई हैं. पाक में सम्बोधन देते हुए उन्होंने खुद इसके इशारा दिए.
दरअसल, सिद्धू ने शनिवार को करतारपुर कॉरिडोर खुलने का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी को देकर क्रेडिटवार का रुख मोड़ दिया है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी  एसजीपीसी को किनारे कर दिया वहीं अपने सम्बोधन में बीजेपी में लौट जाने के इशारा भी दिए. सिद्धू ने यह जता दिया कि वह केवल मोदी के न्योते का इंतजार कर रहे हैं.

श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में, करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को लेकर जहां पंजाब सरकार दिन-रात मेहनत करती रही, वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी बीजेपी की सहयोगी पार्टी अकाली दल के सहारे तैयारियों का श्रेय लेने की होड़ में जुटी रही. अकाली दल ने कॉरिडोर खुलने का सारा श्रेय पीएम मोदी को देने की कोशिशें जारी रखीं. फिर भी, इस क्रेडिटवार में प्रदेश की कांग्रेस पार्टी सरकार का पलड़ा भारी रहा.

इस सारे आयोजन को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाते हुए प्रदेश सरकार ने श्रेय लेने की होड़ में लगे बाकी सभी पक्षों को पीछे छोड़ दिया. इसी बीच, कांग्रेस पार्टी ने कॉरिडोर खुलने का श्रेय अपने विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के प्रयासों को दिया. हालांकि ऐसा करते हुए प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष  सीएम की राय भिन्न-भिन्न रही. वहीं, कैबिनेट मंत्री के पद से त्याग पत्र देने के बाद से चुप्पी साधे हुए नवजोत सिद्धू ने इस मुद्दे में भी कोई बयान नहीं दिया.

शनिवार को सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते पाक गए  पाक द्वारा आयोजित कॉरिडोर उद्घाटन समारोह में खुलकर बोले. उन्होंने इसका श्रेय पाक के पीएम इमरान खान के साथ-साथ हिंदुस्तान के पीएम नरेंद्र मोदी को भी दिया.
इस मुद्दे में उन्होंने कांग्रेस पार्टी या पंजाब की मौजूदा कैप्टन सरकार का कहीं भी जिक्र नहीं किया. सिद्धू ने सम्बोधन के दौरान नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए बोला कि उनकी चाहे मेरे साथ सियासी लड़ाई है, लेकिन मैं उन्हें मुन्ना भाई एमबीबीएस वाली झफ्फी भेज रहा हूं. अगर वे मुझे बुलाएं तो झफ्फी डालने के लिए भी तैयार हूं.

सिद्धू ने यह बात उस समय कही जब वह पिछले वर्ष पाकिस्तानी सेना प्रमुख से गले मिले थे  पाक की तरफ से कॉरिडोर खोले जाने का ऐलान किया गया था. नवजोत सिद्धू ने बोला – मैं पूरी संसार को जवाब देता हूं कि सिर्फ एक झफ्फी अगर करतारपुर कॉरिडोर खोल सकती है तो ऐसी दो, तीन, दस  या 100 झफ्फियां डालकर सारे मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं.

पीएम मोदी को लेकर सिद्धू के शनिवार को दिए बयानों ने उनके बीजेपी में लौट जाने की अटकलों को बल दिया है. विधानसभा चुनाव से पहले नवजोत सिद्धू बीजेपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिला.

2018 में सिद्धू इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने पाक गए  वहां सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से गले मिले तो देश में सियासी भूचाल आ गया. बीजेपी को कांग्रेस पार्टी पर हमलावर होने का मौका मिल गया  बीजेपी ने सिद्धू को देश का गद्दार तक करार दे दिया था.

इसी दौरान, सिद्धू  कैप्टन के बीच मतभेद भी उभरकर सामने आ गया, जिसका पटाक्षेप इस वर्ष सिद्धू के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफे के साथ हुआ. तब से कांग्रेस पार्टी में सिद्धू हाशिए पर चल रहे हैं.

पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाक के श्री करतारपुर साहिब में इमरान खान की स्टेज पर साफ बोला कि हां, मैने जफ्फी डाली  आगे भी सौ बार डालूंगा. इस जफ्फी के कारण ही पाक  डेरा बाबा नानक का रास्ता खुला. दुनिया के 14 करोड़ सिख आज इमरान खान को दुआएं दे रहे हैं. यार होवे ता इमरान वरगा. जहां हमारे पीएम नरेंद्र मोदी ने करतारपुर कॉरिडोर का रास्ता खोलने के लिए सराहनीय काम किया वहीं इमरान खान ने जो सिखों के लिए किया, उसको भुलाया नहीं जा सकता.

सिद्धू ने पाकिस्तान में सजी स्टेज पर जैसे ही कहना प्रारम्भ किया तो संगत की तरफ से जो कहे सो निहाल और तालियों से उनका स्वागत किया गया. हिंदुस्तान में मीडिया के सामने लंबे समय से चुप्पी धारण किए सिद्धू शनिवार को पाकिस्तान में खुलकर बोले. सिद्धू ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए बोला कि जिसने कॉरिडोर को खोला वो लख दा, जिसने पंगे पान दी प्रयास की वह कख दा. स्टेज से इमरान के कसीदे पढ़ते हुए सिद्धू ने बोला कि यार होवे ता इमरान वरगा, जिसने मेरी एक विनती सुनी.

गल सिर्फ लांघे दी नहीं, गल अमन दी वी है. गल सारे दुनिया दी है, 10 माह में इमरान ने स्वर्ग बना दिया. पर मेरा तो हाल है कि यह दिल मांगे मोर, हमें तो इमरान से बहुत ज्यादा कुछ चाहिए. इमरान शेर नहीं बल्कि बब्बर शेर है. इमरान का दिल समंदर जैसा है. सिद्धू ने बोला कि इमरान खान साहेब तुसी परवाह न करो, एक एक सिख सवा सवा लाख का है. मेरी एक जफ्फी इतना रंग लाई है  अगर मेरी जफ्फी से सिख समुदाय को इतना कुछ मिलता है तो मैं सौ सौ बार जफ्फी डालने के लिए तैयार हूं. मेरी जफ्फी में प्यार है, मोहब्बत है, जो दिल जीत सकती है.