फ्लोर टेस्ट को लेकर कमलनाथ ने फिर भरी हुंकार, सामें आए इतने विधायक

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर हुंकार भरते हुए कहा कि सरकार की ओर से हम अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में मजबूती के साथ रखेंगे. हमारे पास पूरा बहुमत है.

 

अगर भाजपा को लगता है कि बहुमत नहीं है तो फिर वो अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि बैंगलुरु में बंधक हमारे 16 विधायकों को पहले मुक्त कराया जाए, इसके बाद ही फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा.

राज्यपाल की तीसरी चिट्ठी के बाद उत्पन्न हुए ताजा राजनीतिक हालातों को लेकर सीएम हाउस में देर रात कमलनाथ के नेतृत्व में मैराथन बैठक हुई.

बैठक में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजयसिंह, हरीश रावत और मुकुल वासनिक शामिल थे. इस दौरान आगे की रणनीति पर मंथन हुआ.

सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं एडवोकेट कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा और अभिषेक मनु सिंघवी सरकार का पक्ष रखेंगे.

विधानसभा में बहुमत परीक्षण को लेकर अब राज्यपाल लालजी टंडन और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है.

राज्यपाल ने कोरोना का बहाना बहनाकर विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित करने तथा निर्देश के बावजूद फ्लोर टेस्ट नहीं कराने पर नाराजगी जताते हुए कल देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ को फिर तलब किया और उन्हें आज फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दिए, जिस पर अब भी सस्पेंस बनाा हुआ है.

सूत्रों के अनुसार अगर कमलनाथ आज फ्लोर टेस्ट नहीं कराते हैं तो फिर राज्यपाल मप्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश भी कर सकते हैं.