रामजन्मभूमि व बाबरी मस्जिद जमीन टकराव की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बोला कि इस मामले से जुड़े सभी पक्ष 18 अक्टूबर तक अपनी दलीलें समाप्त करें. इसके बाद एक दिन का भी अलावा समय नहीं दिया जाएगा. आज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई का 32वां दिन है.
इससे पहले अयोध्या मुद्दे में मुस्लिम पक्षकारों ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष स्वीकार किया कि न्यायालय में मुद्दे की सुनवाई के इस स्तर पर उन्होंने गलती से राम चबूतरे को भगवान राम का जन्मस्थान मान लिया था व भारतीय पुरातत्व सवेर्क्षण (एएसआई) की खुदाई की रिपोर्ट को विसंगतियों व अवसन्नताओं से भरा हुआ बताने के कारण उन्हें न्यायालय के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा.
मामले की 31वें दिन की सुनवाई में सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने बोला कि वे राम चबूतरा को भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं, हालांकि उन्होंने 1885 में फैजाबाद न्यायालय के उस फैसला को चुनौती नहीं दी कि हिंदू भगवान के जन्मस्थान के तौर पर उस चबूतरे पर पूजा करते हैं.