इस राज्य मे आ रहे कोरोना के 20 हजार से ज्यादा मामले , सावधान हो जाए लोग

एक शीर्ष अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ‘यह कहा जा रहा था कि अल्पसंख्यक बहुल जिले ऊंची सकारात्मकता दर दिखा रहे हैं। टीम ने पाया है कि अल्पसंख्यक बहुल पथनमठित्ता जिले में पॉजिटिविटी रेट 6.5-7 फीसदी के आसपास है।’ साथ ही होम आइसोलेशन में ढिलाई के पीछे का बड़ा कारण महामारी से जुड़ी थकान है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है, ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच महामारी की थकान एक बड़ा कारण है। केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था जड़ से जुड़ी है, जो जमीन पर मौजूद है। पहले ये पब्लिक हेल्थ कैडर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की ठीक तरह से देखभाल कर रहा था, लेकिन थकान के बाद पर्याप्त निगरानी नहीं हुई, जिसके चलते कोविड पॉजिटिव लोग आसपास घूम रहे हैं।’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्र ने कहा, ‘टीम ने बताया है कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की ठीक तरह से निगरानी नहीं हुई है। आमतौर पर जिन लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और होम आइसोलेशन में हैं। वे पड़ोस के इलाकों में घूम रहे हैं और संक्रमण फैला रहे हैं। यह शुरुआती आकलन है। टीम हाई पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों में जा रही है।’

टीम की तरफ से केंद्र के शीर्ष अधिकारियों को दी गई शुरुआती जानकारी के आधार पर सूत्रों ने बताया कि यह कहना ‘शायद सही नहीं’ है कि अल्पसंख्यक बहुल जिले कोविड संक्रमण के मामले बढ़ा रहे थे और खासतौर से ईद के बाद।

केरल पहुंची हाईलेवल टीम का कहना है कि राज्य में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की ठीक से निगरानी नहीं हो रही है, जिसके चलते मामले बढ़े हैं। इसके अलावा टीम ने बीमारी के सही प्रबंधन के लिए मरीजों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की सलाह दी है। फिलहाल, टीम राज्य में ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों का दौरा कर रही है।

बीते सप्ताह केरल में लगातार कई दिनों तक कोरोना वायरस के 20 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए। हालांकि, रविवार को थोड़ी राहत रही लेकिन अभी भी पूरे देश के आंकड़ों में से आधे मामले केरल राज्य में मिल रहे हैं। इस बीच राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते ग्राफ के कारण का पता लगाने पहुंची केंद्र की हाईलेवल टीम ने कई चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं।