ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले श्रमिकों की संख्या हुई 17 करोड़ से अधिक, जाने क्या है इसके फायदे

केंद्र सरकार द्वारा 4 महीने पहले लॉन्च किए गए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले श्रमिकों की संख्या 17 करोड़ के पार हो गई है।अबतक पोर्टल पर 17.05 करोड़ से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है। इनमें युवा श्रमिकों का प्रतिशत सबसे अधिक है।

कुल पंजीकरण में से 61.27 फीसदी श्रमिक 18 से 40 आयु वर्ग के हैं। वहीं, इसमें सबसे अधिक ओबीसी 44.48 फीसद, इसके बाद सामान्य वर्ग के 25.88 फीसद श्रमिक हैं। जबकि, एसएसी 22.26 फीसद और एसटी की संख्या 7.39 फीसद है।

अगर राज्यों की बात करें तो योगी सरकार द्वारा श्रमिकों को हर महीने 500 रुपये देने की घोषणा के बाद रजिस्ट्रेशन की बाढ़ आ गई है। अब यहां ई-श्रमिक कार्ड बनवाने वालों की संख्या 5 करोड़ 72 लाख से अधिक हो गई है। दूसे नंबर पर पश्चिम बंगाल 2.33 करोड़ श्रमिकों के साथ है। बिहार तीसरे नंबर पर और चौथे पर ओडिशा है।

कौन बनवा सकत है ई-श्रमिक कार्ड

ट्यूटर, घर का नौकर – नौकरानी (काम वाली बाई), खाना बनाने वाली बाई (कुक), सफाई कर्मचारी, गार्ड, ब्यूटी पार्लर की वर्कर, नाई, मोची, दर्ज़ी ,बढ़ई , प्लम्बर, बिजली वाला (इलेक्ट्रीशियन), पोताई वाला (पेंटर), टाइल्स वाला, हर दुकान का नौकर / सेल्समैन / हेल्पर, ऑटो चालक, ड्राइवर, पंचर बनाने वाला, चरवाहा, डेयरी वाले, सभी पशुपालक, पेपर का हॉकर, जोमैटो स्विगी के डिलीवरी बॉय, अमेज़न फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉय (कूरियर वाले), वेल्डिंग वाला, खेती वाले मज़दूर, नरेगा मज़दूर, ईंट भट्ठा के मज़दूर, पत्थर तोड़ने वाले, खदान मज़दूर, फाल्स सीलिंग वाला, मूर्ति बनाने वाले, मछुवारा, रेजा, कुली, रिक्शा चालक, ठेला में किसी भी प्रकार का सामान बेचने वाला (वेंडर), चाट ठेला वाला, भेल वाला, चाय वाला, होटल के नौकर/वेटर, रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ वाले क्लर्क, ऑपरेटर, नर्स, वार्डबॉय, आया, मंदिर के पुजारी, विभिन्न सरकारी ऑफिस के दैनिक वेतन भोगी यानी वास्तव में आपके आसपास दिखने वाले प्रत्येक कामगार का यह कार्ड बन सकता है।

श्रमिकों को ये मिलते हैं लाभ

  • – पोर्टल से जुड़ने वाले श्रमिकों को पीएम सुरक्षा बीमा योजना के तहत दो लाख रुपए तक का बीमा मिलता है।
  • – इसके तहत दुर्घटना से हुई मृत्यु अथवा स्थायी रूप से विकलांग होने पर दो लाख और आंशिक रूप से विकलांग होने पर एक लाख रुपए की अनुदान राशि मिलती है।
  • – विभिन्न प्रकार के सामाजिक सुरक्षा के लाभ भी मिलते हैं। आपदा या महामारी की स्थिति में केंद्र और राज्य सरकारों से मदद मिलने में आसानी होती है।