मोहन भागवत के बयान पर भड़कीं मायावती, कह डाली ये बात

बसपा प्रमुख ने सवाल उठाते हुए कहा “आरएसएस के सहयोग और समर्थन के बिना बीजेपी का अस्तित्व कुछ भी नहीं है। फिर भी आरएसएस अपनी कही गई बातों को बीजेपी और इनकी सरकारों से लागू क्यों नहीं करवा पा रही है?”

उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा अधिकांश जातिगत, धार्मिक व राजनीतिक द्वेष की भावना से अभी तक जिन मामलों में जिनकी संपत्ति ज़ब्त व ध्वस्त की गई है, उनमें ज़्यादातर मुस्लिम लोग प्रभावित हुए हैं, ऐसा मुस्लिम समाज व आम लोगों का मानना है।

मायावती ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सहित देश के जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें चल रही हैं, वे भारतीय संविधान की सही मानवतावादी मंशा के मुताबिक चलने की बजाए ज़्यादातर आरएसएस के संकीर्ण एजेंडे पर चल रही हैं, ये आम चर्चा है।

उन्होने आगे कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कल एक कार्यक्रम में भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने की बात किसी के भी गले के नीचे आसानी से नहीं उतरने वाली है। आरएसएस और बीजेपी एंड कंपनी के लोगों तथा इनकी सरकारों की कथनी व करनी में अंतर सभी देख रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयान पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी उनके बयान पर टिप्पणी की है। मायावती ने कहा कि मोहन भागवत का बयान ‘मुंह में राम, बगल में छुरी’ जैसा है।