शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी कम करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। सितंबर 2019 में आने वाले आईपीओ के माध्यम से, सरकार ने आईआरसीटीसी में अपनी हिस्सेदारी 12.60% घटा दी। इससे पहले सरकार की आईआरसीटीसी में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
गौरतलब है कि पिछले साल IRCTC के IPO के बाद IRCTC में केंद्र सरकार का हिस्सा घटकर 87.40% रह गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विनिवेश विभाग ने IRCTC में हिस्सेदारी बेचने के लिए मर्चेंट बैंकरों और ब्रोकर्स को नियुक्त करना शुरू कर दिया है। यह बिक्री OFS के माध्यम से की जाएगी। OFS के लिए प्री-बिड मीटिंग हो चुकी है और अब बिडिंग प्रक्रिया 11 सितंबर से शुरू होने की संभावना है।
केंद्र की मोदी सरकार अब भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) में अधिक हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। यह बिक्री केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का एक हिस्सा होगी, जिसके तहत सरकार इस वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 में विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपये एकत्र करना चाहती है।
बिक्री के प्रस्ताव, ओएफएस मार्ग के माध्यम से, एक सूचीबद्ध कंपनी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर ही शेयर बेचती है। यह एक विशेष विंडो है, जो केवल शीर्ष 200 कंपनियों के लिए उपलब्ध है। इसमें कम से कम 25% शेयर संस्थागत निवेशकों जैसे म्यूचुअल फंड या बीमा कंपनियों के लिए आरक्षित हैं।