छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कलह, विधानसभा छोड़कर निकले स्वास्थ्य मंत्री

प्रदेश के रामानुजगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक बृहस्पत सिंह ने रविवार को आरोप लगाया था कि शनिवार शाम स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के इशारे पर सरगुजा जिले के अंबिकापुर शहर में उनके काफिले के एक वाहन पर कथित रूप से हमला किया गया था।

विधायक सिंह ने कहा था कि उन्होंने बघेल की तारीफ की थी और कहा था कि वह राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। यह बयान मंत्री सिंहदेव को पसंद नहीं आया और बाद में उनके काफिले पर हमला किया गया। कांग्रेस विधायक ने कहा था कि कथित हमले में तीन लोग थे, जिनमें से एक मंत्री सिंहदेव का दूर का रिश्तेदार था। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य मंत्री से उनकी जान को खतरा है।

इससे पहले विधायक सिंह पर हमले के बाद सरगुजा क्षेत्र के विधायक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने ज्यादा टिप्पणी नहीं की थी। उन्होंने कहा था कि उनके क्षेत्र और राज्य के लोग उनकी छवि के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। उन्हें इस विषय पर कुछ नहीं कहना है।

टीएस सिंहदेव ने कहा कि ”अब बहुत हो गया है आखिर मैं भी इंसान हूं”। मैं इस सदन में बैठने के योग्य अपने आप को नहीं समझता हूं। लोग मेरे बारे में सब जानते हैं।”

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक और स्वास्थ्य मंत्री के बीच कथित विवाद के बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने सोमवार को राज्य विधानसभा का दौरा किया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दोनों नेताओं से मुलाकात की थी। हालांकि कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के बाद पुनिया ने इस कथित विवाद पर कहा कि अब मामला समाप्त हो चुका है। मगर इसके बाद हुई घटना कुछ अलग ही कहानी कह रही है।

उन्होंने कहा कि जब तक सरकार जांच का आदेश नहीं देती या बयान जारी नहीं करती (पार्टी विधायक बृहस्पत सिंह पर हमले के आरोपों पर) मैं खुद को इस प्रतिष्ठित सदन के सत्र का हिस्सा बनने के योग्य नहीं पाता।

छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री वाले फॉर्मूले को लेकर गरमाई राजनीति के बीच कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह का स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर अपनी हत्या करवाने का सनसनीखेज आरोप लगाने से प्रदेश कांग्रेस में घमासान और तेज हो गया है।

इस बीच अब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की नाराजगी भी खुलकर सामने आ गई। मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने पहुंचे टीएस सिंहदेव सदन छोड़कर बाहर निकल गए।