मेघालय में मिलीं डायनासोर की हड्डियां, रिसर्च जारी

गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद मेघालय भारत का पांचवां राज्य और पहला पूर्वोत्तर राज्य है जहां टाइटैनोसॉरियन मूल के सॉरोपोड की हड्डियां मिली हैं.

जीएसआई में जीवाश्म विज्ञान प्रभाग के वरिष्ठ भूवैज्ञानिक अरिंदम राय ने कहा कि मेघालय में जीएसआई को 2001 में भी डायनासोर की हड्डियां मिली थीं, लेकिन उनकी स्थिति इतनी खराब थी कि उनकी वर्गीकरण संबंधी पहचान संभव नहीं थी.

उन्होंने बताया कि इस बार जिन हड्डियों की पहचान की गई है, वे 2019-2020 और 2020-21 में मिली थीं, जो अनुमानत: करीब 10 करोड़ साल पुरानी हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ये निष्कर्ष प्रारंभिक अध्ययनों से तैयार किए गए हैं, फिलहाल इसपर विस्तृत काम चल रहा है.

जीएसआई अनुसंधानकर्ताओं ने गौर किया कि यह पहली बार है,जब क्षेत्र में पाए गए संभवत: टाइटैनोसॉरियाई मूल के सॉयरोपॉड के अवशेष मिले हैं. सॉरोपॉड की लंबी गर्दन, लंबी पूंछ, शरीर के बाकी हिस्से की तुलना में छोटा सिर, चार मोटी एवं खंभे जैसी टांग होती हैं.

मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स जिले के पास एक इलाके से करीब 10 करोड़ साल पहले के सॉरोपॉड डायनासोर की हड्डियों (Sauropod dinosaur bones found) के जीवाश्म मिले हैं.

अनुसंधानकर्ताओं के इस निष्कर्ष को अभी प्रकाशित नहीं किया गया है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के पूर्वोत्तर स्थित जीवाश्म विज्ञान प्रभाग के अनुसंधानकर्ताओं ने स्थल के अपने हालिया दौरे के बाद यह निष्कर्ष निकाला.