मेट्रो के चलते अब होगी हर महीने लाखों रुपए की बचत, बस करना होगा…

प्रबंध निदेशक ने बताया कि कोविड-19 की वजह से यात्रियों को लखनऊ मेट्रो के भूमिगत स्टेशनों पर एसी के बजाय प्लांट की ताजी हवा मुहैया कराई जा रही है।

 

इससे मेट्रो स्टेशनों पर कूलिंग सामान्य रहती है। रात 10 बजे से सुबह 06 बजे तक मेट्रो स्टेशन पर सिर्फ 25 प्रतिशत बिजली का ही उपयोग किया जाता है।

मेट्रो स्टेशनों पर इनवर्टर से जुड़े एलईडी और अन्य उपकरण ही जलाए जाते हैं। इन 08 घंटों में लखनऊ मेट्रो को हर महीने लाखों रुपए की बिजली की बचत हो रही है। यह प्रयोग लखनऊ मेट्रो में उस वक्त शुरू किया गया था। जब लॉक डाउन की वजह से मेट्रो ट्रेन सेवा बंद थी।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह मेट्रो ट्रेन और स्टेशनों के एसी का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से बढ़ाकर 30 डिग्री सेल्सियस कर दिया गया है। इस प्रयोग से यात्रियों के दिमाग में जो ज्यादा कूलिंग की बात थी वह कम हो गई है। लखनऊ मेट्रो की इस नए प्रयोग को यात्रियों ने सराहा है।

यूपीएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बुधवार को बताया कि लखनऊ के उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के 23 किलोमीटर रूट पढ़ने वाले 21 मेट्रो स्टेशनों पर कूलिंग का टाइम सुबह 08 बजे से रात 08 बजे तक रखा गया है।

इन 12 घंटों में यात्रियों का आवागमन सबसे अधिक होता है। इसलिए यात्रियों की संख्या जब काफी कम होती है तब लखनऊ मेट्रो के सभी स्टेशनों पर ऐसी बंद कर दिया जाता है। इससे हर माह लाखों रुपए की बिजली की बचत होगी।

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसीएल) ने गत 07 सितम्बर से बिजली बचाने का नया प्रयोग सफलता पूर्वक शुरू किया है। इस प्रयोग के तहत अब लाखों रुपए की बिजली की बचत हर महीने होगी।