#Metoo: प्रोफेसर पर लगे यौन शोषण के आरोप

देशभर में चल रही मी टू अभियान की लहर थमती हुई नजर नहीं आ रही है. इसका प्रभाव अब भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) में भी देखने को मिला है. यहां के एक प्रोफेसर पर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही छात्रा ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. जिन्हें गंभीरता से लेते हुए संस्थान ने उन्हें जरूरी सेवानिवृत्ति लेने के लिए बोला है.
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प्रोफेसर की पहचान गिरिधर मद्रास के तौर पर हुई है. वह केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में तैनात थे. आईआईएससी के निदेशक अनुराग कुमार जोकि पिछले 20 वर्षों से संस्थान में कार्य कर रहे हैं, उन्होंने बोला कि प्रोफेसर को जाने के लिए बोला गया है. आरोप लगने के बाद संस्थान की गवर्निंग काउंसिल ने उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेशदिए थे.

गवर्निंग काउंसिल के निर्णय के बाद संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति जो यौन शोषण की शिकायतों को देखती है, उसने मामले की जांच की. पिछले सप्ताह आईआईएससी के रजिस्ट्रार वी राजाराजन  काउंसिल के सदस्यों ने बोला था कि प्रोफेसर के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई जल्द ही नतीजे पर पहुंच जाएगी. अनुशासनात्मक कार्रवाई केंद्र गवर्नमेंटके नियमों के तहत की गई है.

आईआईएससी की वेबसाइट से प्रोफेसर गिरीधर मद्रास की प्रोफाइल को हटा लिया गया है. आईआईटी मद्रास के पूर्व विद्यार्थी को बहुत से अवॉर्ड मिले हैं. जिसमें सीएसआईआर का प्रतिष्ठित सम्मान शांति स्वरुप भटनागर अवॉर्ड (2009), जेसी बोस राष्ट्रीय छात्रवृत्ति  आईआईएससी अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन रिसर्च शामिल है. इससे पहले वर्ष 2015 मे भी यौन शोषण के आरोप लगने के बाद प्रोफेसर एस दुर्गाप्पा को हटा दिया गया था. आंतरिक जांच समिति में वह दोषी पाए गए थे.

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