एमडीएच (MDH) मसाले के चेयरमैन महाशय धर्मपाल गुलाटी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। पिछले 2 दिन से सोशल मीडिया में उनकी मौत की अफ़वाह चल रही थी। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। धर्मपाल गुलाटी ने अपील करते हुए बोला है कि उनकी स्वास्थ्य के बार में कयास ना लगाए जाएं व वह पूरी तरह से अच्छा हैं।
जी हिन्दुस्तान की टीम जब धर्मपाल गुलाटी के घर पहुंची तो पता चला कि उनके दफ्तर पर दो दिन से लगातार उनकी कुशलक्षेम पूछने के लिए फोन आ रहे हैं। जी हिन्दुस्तान से एक्सक्लूसिव वार्ता में धर्मपाल जी ने बोला कि वह पूरी तरह से अच्छा हैं व उनक बारे में किसी भी प्रकार का दुष्प्रचार न फैलाया जाए। इस अफ़वाह से उनकी परिवार बहुत परेशान था।धर्मपाल जी ने कहा-‘मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं। पता नहीं क्यों अच्छे भले आदमी को मार दिया। यह सब तमाशा है। यह झूठी समाचार उड़ाई गई है, इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है। ‘
शनिवार प्रातः काल से फैली अफवाह
धर्मपाल जी के एक रिश्तेदार ने बोला कि यह अफ़वाह शनिवार प्रातः काल से ज्यादा फैली। शुक्रवार रात को यह बात किसी ने सोशल मीडिया पर डाली थी। हमने शनिवार को सोशल मीडिया के स्वस्थ होने का एक वीडिया भी अपलोड किया था। हम उनकी मौत की समाचार का पूरी तरह से खंडन करते हैं। महाशय जी पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। यहां तक कि बीमार भी नहीं हैं। वह प्रातः काल से एक प्रोग्राम में बैठे थे। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें स्वस्थ बनाए रखें। एक अन्य रिश्तेदार ने बोला कि महाशय जी की दीर्घआयु रहेगी व यह अमर हैं वअमर ही रहेंगे।
कौन हैं धर्मपाल गुलाटी जी
एमडीएच मसाला कंपनी के मालिक महाशय धर्मपाल का जन्म 27 मार्च 1927 को सियालकोट में हुआ था। 1933 में इन्होंने 5वीं कक्षा की पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी। 1937 में महाशय जी ने पिता की मदद से शीशे का छोटा सा बिजनेस प्रारम्भ किया। उसके बाद साबुन व दूसरे कई बिजनेस किए लेकिन उनका मन नहीं लगा। बाद में उन्होंने मसालों का कारोबार प्रारम्भकिया, जो उनका पुश्तैनी कारोबार था।
महाशय धर्मपाल के परिवार ने छोटी सी पूंजी से कारोबार प्रारम्भ किया था लेकिन, कारोबार में बरकत के चलते वह दिल्ली के अलग–अलग इलाकों में दुकान दर दुकान खरीदते चले गए। परिवार ने पाई–पाई जोड़कर अपने धंधे को आगे बढ़ाया व मिर्च-मसालों की बिक्री जब ज्यादा होने लगी तो उनकी पिसाई का कार्य घर के बजाए अब पहाड़गंज की मसाला चक्की में होने लगा था। 92 वर्ष के धर्मपाल मसालों की संसार में आज बेमिसाल हैं।
उनकी कंपनी सालाना अरबों रुपयों का कारोबार करती है। लेकिन एक तांगे वाले से अरबपति बनने की उनकी ये अदभुत कामयाबी 60 वर्ष की कड़ी मेहनत व लगन का नतीजा है।