मायावती का बड़ा बयान , कहा दल-बदल कानून को बहुत सख्त बनाने की जरूरत

यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। सपा, कांग्रेस, भाजपा और बसपा ने अपनी-अपने प्रत्याशियों की पहली और दूसरी सूची भी जारी कर दी है। शनिवार को बसपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी होने के तुरंत बाद एक मांग दी है।

दरअसल यूपी में कई विधायकों, मंत्रियों के पाला बदलने पर सवाल खड़ा कर दिया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि दल-बदल कानून को बहुत सख्त बनाने की जरूरत है। समजावादी पार्टी (सपा) पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा, सपा ने सत्ता में आते ही संत रविदास नगर का नाम फिर से भदोही कर दिया था, यह उसका दलित विरोधी रवैया नहीं तो क्या है? मायावती ने शनिवार को अपने जन्मदिन पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देश में चुनाव के नजदीक आते ही स्वार्थी किस्म के लोगों का दल-बदल करने का सिलसिला शुरू हो जाता है, इसे ध्यान में रखकर अब दल-बदल कानून को सख्त बनाने की जरूरत हैं क्योंकि इससे हमारे लोकतंत्र पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

बसपा प्रमुख ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा, जिस समाजवादी पार्टी ने दलितों की सरकारी नौकरी में पदोन्नति को लेकर लाए गये विधेयक को राज्यसभा में फाड़कर फेंक दिया था और इस विधेयक को पारित नहीं होने दिया था, वह कैसे दलित हितैषी पार्टी हो सकती हैं। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के शुक्रवार को सपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था, समाजवादी और आंबेडकरवादी साथ आ गये तो अब हमें सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता।