देश भर में कोरोना का कहर बढाने वाले मौलाना साद ने किया ये काम, जानकर लोग हुए हैरान

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की टीमों ने स्थानीय पुलिस की मदद से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में छापेमारी की थी। दिल्ली के जाकिर नगर और निज़ामुद्दीन में उनके तीन आवासों में छापे मारे गए थे।

 

अन्य इस्लामी मौलवियों ने मौलाना साद से 13 मार्च और 15 मार्च के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में धार्मिक मण्डली को रद्द करने का आग्रह किया था। लेकिन मौलाना ने इस सलाह पर ध्यान नहीं दिया जिसके बाद इस कोरोना वायरस का असर बढ़ता ही चला गया।

COVID-19 लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के दिल्ली मुख्यालय में 2,000 से अधिक धार्मिक अनुयायियों को आश्रय दे कर, मौलाना साद ने माहौल बिगाड़ दिया था। जिसके बाद उन्होंने दावा किया कि लगभग 200 देशों में 100 करोड़ से अधिक तब्लीगी जमात अनुयायी हैं।

मौलाना साद ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की थी, जिसे शायद एक स्टूडियो में शूट किया गया था, जिसमें उपस्थित लोगों से अधिकारियों की बात मानने और डॉक्टरों का पूरा सहयोग करने की अपील मौलाना ने सभी जमातियों से की थी।

उन्होंने आगे मुसलमानों से अल्लाह का नाम लेने और प्रार्थना करने के लिए भी कहा था। मौलाना ना कहा था- “बीमारी के बारे में चिंता करने के बजाय, अल्लाह का नाम बोलें”।

मुस्लिमों के सबसे प्रभावशाली आंदोलनों में से एक के रूप में स्थापित, तब्लीगी जमात को मौलाना साद के दादा मौलाना मुहम्मद इलियास खांडलवी ने शुरू किया था।

तब्लीगी जमात देवबंद आंदोलन का एक हिस्सा है और इसका उद्देश्य पैगंबर मोहम्मद के अनुसार, ‘सच्चे इस्लाम को फिर से जीवन देना है’।

धार्मिक इस्लामिक संगठन तब्लीगी जमात के प्रमुख, मौलाना साद खंडालावी को देश में कोरोनोवायरस संक्रमण बड़ी मात्रा में अचानक फैलाने के लिए दोषी ठहराया गया है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों से पता चला है कि मौलाना, राष्ट्रीय राजधानी में उनके जाकिर नगर निवास में क्वारंटीन में है।

पहले यह बताया गया था कि मौलाना साद एक अज्ञात स्थान पर संगरोध में चले गए थे। दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने रविवार से राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर उसकी तलाश में छापेमारी की थी।