मसूद अजहर को बचाना चीन को पड़ेगा भारी, अगले हफ्ते होगा…

कोरोना वायरस महामारी के फैलने से रोकने में लापरवाही बरतने का आरोप झेल रहे चीन के लिए अगला हफ्ता काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है।

 

 

22 मई को भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के चेयरमैन का कार्यभार संभालने वाला है और इस वैश्विक संस्था में पेइचिंग बुरी तरह से घिर रहा है।

दुनिया के कई देश कोरोना महामारी को लेकर चीन की भूमिका की जांच की मांग कर रहे हैं। ऐसे में भारत के पास संयुक्त राष्ट्र में चीन से पुराना हिसाब चुकता करने का मौका होगा।

असल में कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि वुहान से कोरोना शंघाई या बीजिंग नहीं पहुंचा।

लेकिन ये दुनिया के सभी देशों में पहुंच गया है और वहां इसने तबाही मचा दी है। इसी बात को लेकर अमेरिका डब्लूएचओ से सवाल कर रहा है और वह इसका जवाब नहीं दे रहा है।

लिहाजा अब अमेरिका के साथ ही दुनिया के 62 देशों ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अमेरिका ने पहले से चीन के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और धमकी दी है .

वह चीन के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है। वहीं दुनिया के 62 देशों ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है इसमें भारत भी शामिल है।

आतंकी मसूद अजहर दुनिया के खतरा है। लेकिन पाकिस्तान के प्रति चीन के प्यार और चालबाजी की वजह से मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में अबतक वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका है।

मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के मसले पर अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन समेत तमाम देश एकसाथ हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र में चीन अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर उसे बचा लेता है।

लेकिन अब चीन की मुश्किलें बढ़ने वाली है। भारत के पास आतंकी मसूद अजहर के मामले में चीन से पुराना हिसाब चुकता करने का बढ़ियां मौका है।