हाल ही में सीएम और तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर बीते शुक्रवार को जोरदार हमला बोला।
उन्होंने दो-टूक बोला कि वे इसे किसी भी सूरत में बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। वहीं इस कानून को लागू कराने के लिए केन्द्र प्रदेश सरकारों को नेस्तानबूद नहीं कर सकता। ममता ने इसके विरूद्ध सड़क पर उतरने का भी एलान किया। जंहा बीतेशुक्रवार को यहां मीडिया से मुताबिक सीएम ने बोला कि बीजेपी की अगुआई वाली केन्द्र सरकार नार्थ-ईस्ट में कानून व्यवस्था की स्थिति बेकार करने व तनाव बढ़ाने की प्रयास कर रही है। लोकतंत्र में संसद में सीटों के मुद्दे में बहुमत होने का यह मतलब नहीं है कि किसी पर भी अपना विचार थोपा जा सकता है।
जानकारी के लिए हम आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि लोकतंत्र का मतलब सर्वसम्मति से सबको साथ लेकर चलना है। सीएम ने सूचित किया कि विरोध के तौर पर वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष में आयोजित होने वाले सामरोह में भाग लेने दिल्ली नहीं जाएंगी। ममता ने कहा-‘नागरिकता संशोधन कानून हिंदुस्तान को विभाजित करेगा। जब तक हम बंगाल की सत्ता में हैं, तब तक यहां के किसी भी नागरिक को देश छोड़कर जाना नहीं पड़ेगा। ‘ बीजेपी शासित त्रिपुरा के सीएम विप्लव देव की आलोचना करते हुए ममता ने बोला कि उन्हें अपनी नागरिकता से संबंधित कागजातों को सार्वजनिक करना चाहिए।
वहींइस बात का पता चला है कि जापान के पीएम शिंजो एबी के असम दौरा रद करने को ममता ने देश के सम्मान पर धब्बा करार दिया। ममता ने कहा-‘बांग्लादेश के मंत्रियों ने भी अपना हिंदुस्तान दौरा रद कर दिया है। हम बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना का सम्मान करते हैं। वे सांप्रदायिक नहीं हैं लेकिन उनके देश के मंत्री यहां आने से भय रहे हैं। ‘