यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे बनाया ये, लोगो ने सरकार को कहा धन्यवाद

भारतीय रेलवे अपने यात्रियों (Indian Railway) को बेहतर सर्विस देने के लिए लगातार कदम उठा रही है. इसी कड़ी में अब रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्टेशनों, प्रतीक्षालयों, आरक्षण काउंटरों, पार्किंग क्षेत्रों, मुख्य प्रवेश/निकास द्वार, प्लेटफॉर्मों, फुट ओवर ब्रिजों, बुकिंग कार्यालयों में इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो सर्विलेंस सिस्टम (VSS) लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

रेलवे अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि फेशियल रिकोग्नीशन टेक्नोलॉजी को बेंगलुरु, मनमाड और भुसावल स्टेशनों पर शुरू कर दिया गया है. अब रेलवे पुलिस फोर्स यानी आरपीएफ के जरिए आसानी से अपराधियों की पहचान कर सकेगी.

इन स्टेशनों पर हुई शुरुआत- पश्चिमी रेलवे के भावनगर टर्मिनस, उधना, वलसाड, नागदा, नवसारी, वापी, विरागाम, राजकोट, गांधीधाम नामक दस रेलवे स्टेशनों पर भी इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली (वीएसएस) स्थापित की गई है. वीडियो सर्विलेंस प्रणाली से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों तथा रेलवे की संपत्ति की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होने का अनुमान है.

983 स्टेशनों पर होगी शुरू- रेलवे बोर्ड ने निर्भया निधि के तहत भारतीय रेल के 983 स्टेशनों में वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित करने के लिए कार्यों को मंजूरी दी है. इस वर्ष वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित करने के लिए निर्भया निधि से भारतीय रेल को 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

रेल मंत्रालय के तहत एक मिनी रत्न सार्वजनिक उपक्रम- रेलटेल को वीडियो एनालिटिक्स एवं फेशियल रिकोग्नीशन प्रणाली सहित आईपी आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है. बेहतर कवरेज और स्पष्ट तस्वीर पाने के उद्देश्य से, चार प्रकार के फुल एचडी कैमरे – गुम्बद आकार (आंतरिक क्षेत्रों के लिए), बुलेट आकार (प्लेटफॉर्मों के लिए), पैन टिल्ट जूम आकार (पार्किंग क्षेत्रों के लिए) और अल्ट्रा एचडी-4के कैमरे (महत्वपूर्ण स्थानों के लिए) लगाए जा रहे हैं.