भारत की तैयारियों को देख चीन ने याद दिलाया पुराना इतिहास , कहा 70 साल पहले…

चीनी राजदूत इस बात से आश्वस्त थे कि चीन और भारत में द्विपक्षीय संबंधों को ठीक से संभालने की समझदारी और क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘चीन, भारत को एक प्रतिद्वंद्वी के बजाय एक साथी और खतरे के बजाय एक अवसर के रूप में देखते है।

 

हम द्विपक्षीय संबंधों में एक उचित स्थान पर सीमा विवाद को रखने की उम्मीद करते हैं। साथ ही संवाद और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को ठीक से संभालने और द्विपक्षीय संबंधों को पहले की तरह वापस ट्रैक पर लाने की उम्मीद करते हैं।’ चीनी राजदूत वेइदॉन्ग ने कहा कि भारत और चीन को शांति से रहना चाहिए और संघर्ष से बचना चाहिए।

वेइदॉन्ग ने कहा कि 70 साल पहले चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में परीक्षण कम हुए हैं और वे अधिक अस्थिर हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘एक समय में एक बात से परेशान नहीं होना चाहिए। इस नई सदी में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर आगे बढ़ना चाहिए, न कि उसे बिगाड़ना चाहिए।’

चीन-भारत युवा वेबिनार में चीनी राजदूत ने कहा, ‘कुछ ही समय पहले सीमावर्ती क्षेत्रों में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, जिसे न तो चीन और न ही भारत देखना पसंद करेगा। अब हम इसे ठीक से संभालने के लिए काम कर रहे हैं। यह इतिहास के परिप्रेक्ष्य में एक संक्षिप्त क्षण है।’

गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प की घटना को भारत में चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। गलवान घाटी में हुई इस झड़प में हमने अपने 20 जवानों को खो दिया था। वहीं चीन के 40 से अधिक सैनिकों की भी मौत हो गई थी। चीनी राजदूत ने इस कहा कि यह इतिहास के परिप्रेक्ष्य से संक्षिप्त क्षण है।