31 जुलाई तक इस राज्य में लगा लॉकडाउन, सब कुछ रहेगा बंद

लॉकडाउन में लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती। उन्हें सिर्फ दवा, अनाज या फिर बैंक व एटीएम से पैसा निकालने जैसी जरूरी चीजों के लिए बाहर आने की इजाजत मिलती है।

अति-आवश्यक काम जैसे मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत में एंबुलेंस की सेवाएं ली जा सकती हैं। या कोई अन्य आपातकाल हो तो आपकी सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े प्रशासन के लोगों से मदद लेनी होगी। अपने निजी वाहन से घूमने फिरने की अनुमति नहीं होगी।

ममता ने संवाददाताओं से कहा कि बंगाल सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों को पहले से छूट दी गई है, वे जारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्टेनमेंट जोन में तालाबंदी का सख्ती से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बंगाल सहित पूरे देश में कोविद -19 की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। इसी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।

हालांकि, बैठक में विभिन्न दलों की अलग-अलग राय थी।लॉकडाउन को बढ़ाने के बारे में सभी एकमत नहीं थे।माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि तालाबंदी के संबंध में बनाई गई समिति का फैसला किया जाना चाहिए।

इससे पहले बंगाल सरकार ने 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने पहले ही सभी शैक्षणिक संस्थानों को 31 जुलाई तक बंद रखने की घोषणा की थी।बुधवार को बंगाल में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 31 जुलाई तक राज्य में तालाबंदी की घोषणा की।

वायरस की स्थिति की जांच के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। स्थानीय ट्रेनों और मेट्रो सेवाओं को भी इस अवधि के दौरान फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

सभी स्कूल – कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहेंगे। कोरोना संकट पर राज्य सचिवालय नवान्न में सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की।