देर रात एक युवक को तीन बदमाशों ने बीच सड़क पर लूटा , विरोध करने पर चाकू से किए ताबड़तोड़ वार

दिल्ली में गंभीर अपराध की संख्या कम करने के लिए अब दिल्ली पुलिस गंभीर अपराध की धाराओं में केस दर्ज नहीं कर रही है। ताजा मामला बदरपुर इलाके का है। जहां 22 नवम्बर की देर रात एक युवक को तीन बदमाशों ने बीच सड़क पर लूट का विरोध करने पर चाकू से गोद दिया।

आरोपियों ने पीड़ित पर एक के बाद एक चार वार किए। आरोपियों ने मोबाइल लूट लिया और घटनास्थल पर लोगों की भीड़ बढ़ते देख तीनों आरोपी पैसे पीड़ित के पास छोड़ कर फरार हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने 24 वर्षीय मनीष को एम्स पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मनीष को ऑपरेशन उसकी जान बचा ली।

बदरपुर थाना पुलिस ने मनीष के बयान के बाद हल्की धाराओं में केस दर्ज छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित मनीष अपने परिवार के साथ मीठापुर इलाके में रहता है। 22 नवंबर की रात को वह बाजार में सब्जी खरीदने के लिए गया था। जहां उसे रास्ते में तीन बदमाशों ने रोक लिया और उसके साथ लूटपाट करने लगे।

आरोपियों ने युवक का मोबाइल और पैसे लूट लिए। मनीष ने आरोपियों के हाथों से पैसे वापस छीनने और उनका विरोध करते हुए आरोपियों से भिड़ गया। बदमाशों के साथ उसकी हाथापाई होने लगी। इसी दौरान एक बदमाश ने चाकू निकाला और मनीष पर ताबड़तोड़ चाकू से चार वार किए।

आरोपियों की पिटाई और वार से घायल होकर मनीष बेसुध हो गया और सड़क पर गिर गया। जिसके बाद वे मौके से भाग गए। बाजार में जमा लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कैट्स एंबुलेंस की मदद से घायल को एम्स अस्पताल पहुंचाया। जहां उसका उपचार चल रहा है।

मनीष को पुलिस ने कैट्स एंबुलेंस की मदद से एम्स अस्पताल पहुंचाया। जहां उसे रेड जोन में रखा गया और उसकी हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टरों ने तुंरत उसका ऑपरेशन करने का फैसला लिया। डॉक्टरों ने मनीष का ऑपरेशन किया जिसके बाद उसकी जान बचाई जा सकी। मनीष फिलहाल एम्स अस्पताल के सर्जरी वार्ड में भर्ती है। जहां उसका उपचार किया जा रहा है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी मनीष का मोबाइल लूट कर ले गए हैं। जबकि मनीष पैसे बचाने में कामयाब हो गया। जब पुलिस मौके पर पहुंची थी, तो मनीष के हाथ में खून से लथपथ पैसे मौजूद थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहले दिन हालत गंभीर होने के चलते मनीष के बयान नहीं लिए जा सके थे। जबकि दूसरे दिन उसके बयान हुए, मनीष के बयान लेने के बाद पुलिस ने संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने उसके बयान पर आईपीसी एक्ट की धारा 324/34 के तहत केस दर्ज किया है।