हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद लालू यादव नहीं हो सके जेल से रिहा, वजह जानकर उड़े जायेंगे आप के होश

बार काउंसिल के सचिव राजेश पांडेय ने बताया कि बाद में 25 अप्रैल की बैठक में एक बार फिर बार काउंसिल (Bar Council) ने राज्य के सभी वकीलों और उनके लिए काम करने वाले कर्मचारियों को दो मई तक अपने न्यायिक कार्य से दूर रहने का निर्देश दिया है. पांडेय ने बताया कि अब बार काउंसिल दो मई की अपनी बैठक में तीन मई से न्यायिक कार्य शुरू करने या उससे दूर रहने के बारे में कोई फैसला लेगा.

काउंसिल ने 18 अप्रैल को बैठक कर कोरोना संक्रमण में बड़ी संख्या में वकीलों और न्यायिक कार्यों में लगे अन्य कर्मचारियों के संक्रमित होने और उनकी मौत पर गहरी चिंता जताई थी और उनके इलाज के लिए राज्य में सुविधाओं की कमी का जिक्र करते हुए कोरोना कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के मकसद से एक हफ्ते के लिए सभी तरह के न्यायिक कार्य से दूर रहने का फैसला किया था.

RJD प्रमुख यादव के वकील प्रभात कुमार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री के लिए जमानत का बॉण्ड CBI की विशेष अदालत में भरा जाना है, लेकिन स्टेट बार काउंसिल के निर्देश के कारण वकील न्यायिक कार्य में शामिल नहीं हो रहे हैं.

ऐसे में यादव का जमानती बॉण्ड नहीं भरा जा सका है. उन्होंने कहा कि जब तक बार काउंसिल की ओर से अदालती कार्यवाही में वकीलों के शामिल होने पर लगी रोक हटाई नहीं जाएगी, तब तक यादव के न्यायिक हिरासत से बाहर आने की संभावना नहीं है.

झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने राज्य में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए पूरे राज्य के वकीलों को दो मई तक सभी तरह के न्यायिक कार्यों (Judicial Functions) से दूर रहने का निर्देश जारी किया है.

जिसके चलते CBI की विशेष अदालत में जमानती बॉण्ड भरने और लालू की रिहाई के आदेश लेने की कार्यवाही पूरी नहीं की जा सकी है और तीन मई तक इसकी संभावना भी नहीं दिख रही है.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) बार काउंसिल की ओर से अदालती कार्य से दूरी बनाने की वजह से झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) से जमानत मिलने के 10 दिन बाद भी जेल से बाहर नहीं आ सके हैं.

हाईकोर्ट ने यादव को 17 अप्रैल को दुमका कोषागार से गबन करने के मामले में जमानत दे दी थी. इसी के साथ लालू यादव का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया था, क्योंकि चारा घोटाले से संबंधित अन्य मामलों में यादव को पहले ही जमानत मिल चुकी है.