लालू यादव को लगा ये बड़ा झटका , कोर्ट ने बचाव पत्र किया खारिज

लालू सहित 77 आरोपियों ने इस मामले में गुहार लगाई थी कि सुनवाई फिजिकल कोर्ट शुरू होने तक टाल दी जाए, इसमें ज्यादा आरोपी हैं और अभी कोरोना का खतरा है।

 

आरोपियों ने याचिका में कहा था कि वर्चुअल मोड में सही तरीके से सुनवाई नहीं हो पाती है इसलिए कोरोना के खत्म होने और फिजिकल कोर्ट के खुलने तक सुनवाई टाल देनी चाहिए।

इसके बाद लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं क्योंकि केस अब अंतिम चरण में है। इसके अलावा सीबीआई द्वारा जो दस्तावेज अदालत में सौंपे गए हैं वह लालू यादव को कानूनी पेंच में उलझा सकता है। वहीं सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने बाताया है कि चारा घोटाले में सीबीआई की ओर से बहस पूरी हो गई है। अब बचाव पक्ष की ओर से केवल सफाई देनी है और इसके बाद फैसला सुनाया जाएगा।

बता दें कि लालू प्रसाद यादव के वकील ने मामले की सुनवाई फिजिकल माध्यम से हो, इसको लेकर याचिका दायर किया था, वहीं सीबीआई ने भी इसके विरोध में रिज्वाइंडर दायर किया था।

अदालत ने दोनों पक्षों के सुनने के बाद लालू प्रसाद यादव के वकील की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा मामले में बहस के लिए दोनों विकल्प खुले हैं। जो लोग वर्चुअल मोड पर बहस करना चाहते हैं वे लोग अदालत के आदेश पर दस्तावेज देख ले और बहस करें। वहीं जो फिजिकल माध्यम से करना चाहते हैं वे फिजिकल से करें, लेकिन इस बहस के दौरान केवल पांच लोग मौजूद रहेंगे।

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेड़ी) के अध्यक्ष लालू यादव पर चारा घोटाले मामले में एक बार फिर से कानूनी शिकंजा कसने वाला है। दरअसल बीते बुधवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की बेंच ने लालू प्रसाद यादव समेत 77 आरोपियों की ओर से दायर अर्जी खारिज कर दी जिसमें कहा गया था कि फिजिकल कोर्ट के खुलने तक सुनवाई टाल देनी चाहिए। लेकिन अब न्यायाधीश ने कहा कि 13 अगस्त से इस मामले की सुनवाई डे-टू-डे के आधार पर होगी।