लखीमपुर हिंसा : पुलिस के हाथ लगे ये विडियो , तेजी से हो रही जांच

तिकुनिया कांड में पुलिस की विवेचना दिशा पकड़कर तेज हो चली है। पुलिस न सिर्फ गवाहों से केस मजबूत कर रही है, बल्कि इलेक्ट्रानिक सुबूतों पर भी काम कर रही है।

सूत्रों की माने तो पुलिस ने 39 वीडियो साक्ष्य एकत्र किए हैं। इनमें घटनास्थल के वीडियो से लेकर सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं। पुलिस अभी भी इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के संकलन में तेजी से लगी है।

डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल की अगुवाई में बनी जांच कमेटी हर बिंदु पर जांच करने में जुटी है। एक-एक कड़ी जोड़ी जा रही है। मौके पर मिले साक्ष्यों को अलग-अलग सूचीबद्ध किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक इलेक्ट्रानिक साक्ष्य, गवाहों के बयान और फॉरेंसिक/बैलिस्टिक जांच रिपोर्ट का अलग-अलग मिलान किया जा रहा है। इन साक्ष्यों का मिलान आरोपियों के दर्ज बयानों से कराया जा रहा है।

जांच कमेटी ने आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद साक्ष्य संकलन का काम तेज कर दिया था। वायरल वीडियो के अलावा भी जांच कमेटी ने लोगों से वीडियो साक्ष्य उपलब्ध कराने की अपील की। नंबर जारी किए गए और पहचान गुप्त रखने का वादा किया गया। इसका असर हुआ।

इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। पेट्रोल पंप, राइस मिल के वीडियो फुटेज लिये। यही नहीं, केंद्रीय मंत्री के गांव तक की दुकानों में लगे सीसीटीवी फुटेज को एकत्र किया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन वीडियो साक्ष्य से बहुत कुछ सामने आने लगा था। इसके बाद पुलिस ने दंगल में कार्यक्रम स्थल की पूरी वीडियो रिकार्डिंग करने वाले से पूछताछ की।

हालांकि अभी पुलिस इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कर रही है। इसके अलावा सीडीआर के जरिए भी पुलिस ने साक्ष्य संकलन के लिए काम किया। मोबाइलों की लोकेशन को भी एक मजबूत आधार बनाया। इसके बाद गवाही भी दर्ज की। सूत्र बताते हैं कि जांच कमेटी ने सभी सभी आरोपियों से एक ही किस्म के सवाल अलग-अलग पूछे।

उनके जवाबों और बयानों का मिलान किया। पुलिस ने जांच के दौरान वैज्ञानिक आधार पर साक्ष्य संकलन किया है। कई मामलों में लैब की मदद भी ली गई है। पुलिस मौके के अन्य गवाहों से भी पूछताछ कर सकती है। पुलिस जांच कमेटी हर वीडियो का संज्ञान ले रही है, जो उस कांड से जुड़ा बताया जा रहा। भले ही वह किसी पक्ष के द्वारा जारी किया गया हो।