लखीमपुर खीरी: आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद सामने आई बड़ी खबर , कल होगा ये…

लखीमपुर खीरी हिंसा कांड में उत्तर प्रदेश पुलिस सोमवार को लखीमपुर खीरी की एक अदालत में याचिका दायर करने जा रही है। इस याचिका में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को को कस्टडी में लेने की मांग की गई है।

 

इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को शुक्रवार देर रात मैराथन पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। करीब 12 घंटे तक आशीष मिश्रा से एसआईटी की टीम ने पूछताछ की। क्राइम ब्रांच के दफ्तर में उऩसे मजिस्ट्रेट के सामने सवाल-जवाब हुए, लेकिन जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में आशीष को गिरफ्तार कर लिया।

सुबह करीब 11 बजे आशीष मिश्रा क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पेश हुए थे। एसआईटी ने आशीष मिश्रा से तीन दर्जन से ज्यादा सवाल पूछे। यूपी पुलिस की डीआईजी उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आशीष मिश्रा, विवेचना में कई बातें बताना नहीं चाहते। उन्होंने कई सवालों के जवाब नहीं दिए। इसलिए हम उन्हें गिरफ़्तार कर रहे हैं, उन्हें कल कोर्ट में पेश किया जाएगा।

पूछताछ के दौरान आशीष मिश्र अपने वकील के साथ मौजूद रहा। पूछताछ में डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल और लखीमपुर के एसडीएम भी पूछताछ में शामिल थे। आशीष मिश्रा ने अपने पक्ष में कई वीडियो पेश किए। वहीं 10 लोगों के बयान का हलफनामा भी पेश किया गया, जो बताते हैं कि वो काफिले के साथ नहीं था, दंगल मैदान में था। जानकारी के मुताबिक इस बीच आशीष से 40 सवाल पूछे गए। आशीष 3 अक्टूबर को दिन में 2:36 से 3:30 बजे तक कहां था, इसका जवाब नहीं दे पाया।

बता दें कि घटना के दिन आशीष मिश्रा उर्फ मोनू सफेद शर्ट में था। गिरफ्तार आरोपियों में से भी एक ने थार जीप में मोनू के होने का जिक्र किया है। आरोपी ने बताया था कि घटना के तुरंत बाद मोनू की राइस मिल में गए थे। थार जीप से मिले 315 बोर के मिस कारतूसों की जांच जारी है। आशीष मिश्रा के 315 बोर के लाइसेंसी असलहे की कारतूस होने का शक है। एसआईटी ने शासन से फॉरेंसिक टीम की मांग की है।