कोरोना वायरस : पाकिस्तान ने किया ये खतरनाक प्रयोग, जानकर उड़े लोगो के होश

किसी भी वायरस की दवा बनाने के लिए उसको कई चरणों से गुजरना पड़ता है। यह लोगों पर भी टेस्‍ट करके देखी जाती है, लेकिन इसके परिणाम भी उलटे पड़ सकते हैं।

 

ऐसे में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक सिर्फ बीमार लोगों या ऐसे लोगों पर इस दवा का परिक्षण करते हैं, जिनकी जान जाने के बाद भी किसी को कोई ज्‍यादा क्षति ना हो।

लेकिन पाकिस्‍तान ने चीन के साथ करार करते हुए अपने देशवासियों को मरने के लिए छोड़ दिया है। पाकिस्‍तान और चीन के बीच जो करार हुआ है, उसके मुताबिक ड्रैगन पाकिस्‍तान के लोगों पर वैक्‍सीन को टेस्‍ट करके यह पता लगाएगा कि इसका कोई दुष्‍प्रभाव तो नहीं है?

पाकिस्‍तान के नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ के मेजर जनरल डॉक्‍टर आमिर इकराम ने कहा कि चीन ने वैक्‍सीन के ट्रायल के लिए काम शुरू कर दिया है।

ऐसी आशा है कि पाकिस्‍तान में अगले तीन महीने में कोरोना वायरस की वैक्‍सीन लॉन्‍च कर दी जाएगी।’ उन्‍होंने कहा, ‘आमतौर पर एक वैक्‍सीन को बनाने में 8 से 10 साल लगते हैं।

चीन की बनी नई वैक्‍सीन को कई संस्‍थानों से मान्‍यता मिल गई है। हम इन सब मामलों को बहुत जल्‍द ठीक कर लेंगे।’ असल में उन्‍होंने अपने देशवासियों से इस बात को छिपाया कि चीन अपनी वैक्‍सीन का पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस के मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल करने जा रहा है।

जिसमें किसी भी वैक्‍सीन के इंसानों पर ट्रायल के बहुत खतरे होते हैं। इसमें मरीज की जान भी जा सकती है और बीमारी फैल सकती है।

पूरी दुनिया इस समय कोरोना के कहर से कराह रही है। विश्‍व भर में वैज्ञानिक इस महामारी का इलाज ढूंढने में दिन रात लगे हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लग पाई है।

ऐसे में चीन के वैज्ञानिक भी कोरोना की दवा बनाने पर काम कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए उसने पाकिस्‍तान के लोगों को बरी का बकरा बनाया है।

इमरान खान ने चीन के सामने सरेंडर करते हुए अपने देशवासियों पर चीनी वैज्ञानिकों के द्वारा कोरोनो के टेस्‍ट की इजाजत को लेकर करार कर लिया है।