ब्रिटेन में काफी अप्रत्याशित तेजी के साथ शुरू होने जा रहे इस परीक्षण पर पूरे विश्व की नजरें टिकी हुई हैं। साइंटिस्टों ने बताया कि इस वैक्सीन के सफल होने की उम्मीद 80 फीसदी है। ताजा वैक्सीन को बनाने में ChAdOx तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
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ब्रिटेन में 165 हॉस्पिटलों में लगभग 5 हजार रोगियों का एक महीने तक और इसी तरह से यूरोप व यूएसए में सैकड़ों लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल होगा।
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग विभाग के प्रफेसर पीटर हॉर्बी कहते हैं कि ये विश्व का सबसे बड़ा ट्रायल है। प्रफेसर हॉर्बी पहले इबोला की दवा के परीक्षण का नेतृत्व कर चुके हैं।
तो वहीं, ब्रिटेन के हेल्थ मिनिस्टर मैट हैनकॉक ने कहा है कि 2 वैक्सीन इस समय सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि एक ऑक्सफर्ड और दूसरी इंपीरियल कॉलेज में तैयार की जा रही है।
पूरे विश्व में कोरोना वायरस के कहर के बीच इसकी वैक्सीन को लेकर परीक्षण तेज हो गए हैं। ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल 23 अप्रैल से शुरू हो चुका है।