रूस की कोरोना वैक्सीन की सच्चाई जानकर उड़ लोगो के होश, 38 लोगों को लगाने पर हुई…

विश्व भर के वैज्ञानिकों को रूस के इस दावे पर भरोसा नहीं हो रहा है क्योंकि रूस ने वैक्सीन के ट्रायल, उसके परिणाम और वैक्सीन से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा नहीं की है.

 

वहीं अब डेली मेली की रिपोर्ट में इस वैक्सीन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस में केवल 38 लोगों पर इस वैक्सीन का परिक्षण किया है और टेस्ट के दौरान कई साइड इफेक्ट्स भी सामने आए हैं.

रूस के आधिकारिक दस्तावेजों से पता चलता है कि केवल 38 लोगों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया है और इस दौरान सामने आया कि जिन लोगों को यह वैक्सीन लगाई गई, उन्होंने दर्द, स्वेलिंग, हाई फीवर की तकलीफ, कमजोरी महसूस करना, एनर्जी की कमी, भूख नहीं लगना, सिर दर्द, डायरिया, नाक बंद होना, गला खराब होना और नाक बहने जैसी शिकायतें बताई हैं.

Fontanka न्यूज एजेंसी के मुताबिक, क्योंकि वैक्सीन को केवल 42 दिनों की रिसर्च के बाद ही पंजीकृत किया गया, ऐसे में यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि वैक्सीन कितनी कारगर है.

चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस के कारण अभी तक पूरे विश्व में 7 लाख 44 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 2 करोड़ से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.

बीते साल दिसंबर में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था और करीब 8 महीने बीते जाने के बाद भी अभी तक इस वायरस की कोई वैक्सीन नहीं आई हैं. रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है और उसने वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है.