जानिए कौन होगा उत्तराखंड का मुख्यमंत्री, भाजपा हाईकमान का फैसला चौंकाने वाला

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के चयन में भाजपा हाईकमान का फैसला चौंकाने वाला हो सकता है। वर्ष 2017 से अब तक तीन बार मुख्यमंत्रियों के चयन में हाईकमान कुछ अप्रत्याशित फैसले ले चुका है।

चौथी विधानसभा के दौरान भाजपा ने राज्य को तीन-तीन मुख्यमंत्री दिए। लेकिन मुख्यमंत्री के ऐलान में कई बार शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चौंकाया है। विधानसभा चुनाव 2022 में सीएम पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद भाजपा कई विकल्प पर विचार कर रही है।

जिन नेताओं को मुख्यमंत्री का दायित्व दिया गया, उन्हें भी अंतिम क्षणों में जाकर खबर लगी। वर्ष 2017 में मोदी लहर में जीत के बाद आए 57 विधायकों में से पार्टी ने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था। फिर मार्च 2020 में अप्रत्याशित रूप से त्रिवेंद्र को हटाकर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को प्रदेश की कमान सौंप दी।

तीरथ का कार्यकाल भी चार महीने ही रह पाया। हाईकमान ने एक बार फिर हैरान करते हुए खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया। पहले तीरथ और उनके बाद पुष्कर की एंट्री की किसी को भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन हाईकमान ने दोनों नेताओं पर विश्वास जताते हुए जिम्मेदारियां सौंपी। इस बार भी अधिकांश विधायक मोदी मैजिक की बदौलत ही जीतने में कामयाब रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से पार्टी नेता हाईकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बार भी पहले की तरह ही अप्रत्याशित चेहरा सामने आ सकता है।

कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि राज्य का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मिली हार पर बोलते हुए कहा कि धामी ने संगठन को जिताने के लिए काम किया। भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि राज्य की जनता ने उत्तराखंड के विकास के लिए दोबारा भारतीय जनता पार्टी को राज्य की सत्ता सौंपी। उन्होंने कहा कि भाजपा कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है। यह एक संगठन है और संगठन ही चुनाव लड़ाने से लेकर अन्य सभी जिम्मेदारियां तय करता है।