जानिए चीन बदलना चाहता है ये, बन सकते हैंं युद्ध के हालात

चर्चा के दौरान UNSC के पूर्व प्रेसिंडेट किशोर महबूबानी ने कहा कि चीन इमर्जिंग पावर बनना चाहता है, इसलिए अपने पड़ोसियों पर कंट्रोल चाहता है. उन्होंने कहा कि इंडिया-चाइना के बीच कोई भी विपरीत स्थिति बनेगी तो इसका सीधा फायदा अमेरिका को होगा. चीन को आगे बढ़ाने में अमेरिका का सबके बड़ा हाथ रहा है. इस मसले पर अमेरिका पहले अपना स्वार्थ देखेगा.

उन्होंने कहा कि चीन के पास रिसोर्स ज्यादा हैं, अर्थव्यवस्था मजबूत है, आर्मी बड़ी है, इंफ्रास्ट्रक्टर बड़ा है. ऐसे में चीन से मुकाबला करने के लिए भारत को अपनी तैयारी और मजबूत करनी होगी. स्थिति बेहद तनावपूर्ण है और ऐसे में चीन पर विश्वास नहीं किया जा सकता.

लद्दाख में LAC पर भारत-चीन के बीच तनाव बना हुआ है. विश्वासघाती चीन से चौंकन्ना रहने की बात एक्सपर्ट्स कह रहे हैं. पॉलिटिकल साइंटिस्ट और शिकागो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर John Mearsheimer ने तो युद्ध की आशंका तक जताई है. उनका कहना है कि बॉर्डर पर मौजूदा हालात तनावपूर्ण हैं.

चीन ये सब ग्लोबल पावर बनने के लिए कर रहा है. इसमें कोई शक नहीं है कि एशिया में चीन बड़ी ताकत है. ऐसे में चीन से मुकाबला करने के लिए भारत-अमेरिका को एक साथ मिलकर रणनीति बनानी चाहिए.

प्रोग्राम में John Mearsheimer ने कहा कि चीन अपने पड़ोसी देशों पर दबाव बनाकर अपना दायरा बढ़ाना चाहता है. वो जमीनी दायरा बढ़ाकर नक्शा बदलना चाहता है.