जानिए किसान ने प्रशासन से मांगी ये अनुमति, कहा- किसी और में कमाई नहीं

अनिल पाटिल ने कहा है कि किसी भी फसल की खेती की लागत भी पूरी वसूल नहीं की जाती है। चीनी मिलों को बेचे जाने वाले गन्ने का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने दावा किया कि बाजार में गांजे की अच्छी कीमत है। पाटिल ने अपनी दो एकड़ जमीन पर इसकी खेती करने की अनुमति मांगी।

पाटिल ने जिला प्रशासन से कहा कि उसे 15 सितंबर तक खेत में गांजे के पौधे उगाने की अनुमति दें वरना 16 सितंबर से वह अपने खेत में गांजा उगाना शुरू कर देगा और समझ लेगा कि उसे अनुमति मिल गई है।

उन्होंने आवेदन में कहा, “अगर मेरे खिलाफ गांजे की खेती करने के लिए कोई अपराध दर्ज किया जाता है, तो प्रशासन उसका जिम्मेदार होगा।” हालांकि, मोहोल पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक अशोक सैकर ने कहा कि किसान यह सब सिर्फ फेमस होने के लिए कर रहा है।

हालांकि जिला प्रशासन ने किसान के इस आवेदन को पुलिस को भेजा दिया है। पुलिस का कहना है कि किसान पब्लिसिटी हासिल करने के लिए ऐसा कर रहा है। बता दें कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत गांजे की खेती करता प्रतिबंधित है।

सोलापुर में मोहोल तहसील के किसान अनिल पाटिल ने बुधवार को सोलापुर जिला कलेक्टर को भेजे अपने आवेदन में कहा कि किसी भी फसल के लिए कोई निश्चित मूल्य (MSP) नहीं है और इसलिए, कृषि व्यवसाय घाटे में चल रहा है। किसान ने कहा कि खेती मुश्किल होती जा रही है।

महाराष्टा के सोलापुर में एक किसान ने प्रशासन से एक अजीबो-गरीब अनुमति मांगी है। दरअसल इस किसान ने प्रशासन से कहा है कि बाजार में दूसरी फसलों की कीमत निश्चित नहीं है इसलिए उसे खेत मे गांजा उगानी की अनुमति दी जाए। किसान का कहना है कि बाजार में गांजे की अच्छी कीमत दी जाती है।