केजरीवाल ने पलटा दिल्ली का चुनाव, मारी बाजी, देख बीजेपी का हुआ बूरा हाल

दिल्ली विधानसभा चुनाव की औपचारिक रूप से घोषणा हो चुकी है वहीं APP के संयोजक  मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली में अपनी जीत को लेकर भले ही अश्वस्त हों, लेकिन 2015 के बाद दिल्ली की सियासत में बहुत ज्यादा कुछ बदल गया है

 

वहीं दिल्ली में पिछले 5 वर्ष में जो सियासी घटनाक्रम हुए हैं, उसके आंकड़े आम आदमी पार्टी  केजरीवाल को सियासी तौर पर डरा सकते हैं वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली में तीन चुनाव हो चुके हैं

2017 में दिल्ली नगर निगम  2019 में लोकसभा चुनाव हुए हैं इसके अतिरिक्त दिल्ली में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं इन चुनाव में अरविंद केजरीवाल का जादू दिल्ली के लोगों पर नहीं चल सका है दिल्ली नगर निगम  लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के वोट फीसदी में जबरदस्त कमी आई है तो उपचुनाव में उसने अपनी सीट भी गवां दी है

MCD चुनाव में केजरीवाल का जादू रहा फीका: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव 2015 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी दिल्ली की कुल 70 में से 67 सीटें जीतने में सफल रही थी  पार्टी के खाते में 54.34 प्रतिशत वोट आए थे विधानसभा चुनाव के दो वर्ष बाद 2017 में दिल्ली नगर निगम चुनाव हुए

केजरीवाल की पार्टी ने एमसीडी पर काबिज होने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन दिल्ली के लोगों ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया  भाजपा का जादू सिर चढ़कर कहा था वहीं इस बात पर गौर डफरमाया गया है कि एमसीडी चुनाव में भाजपा 26 प्रतिशत वोट के साथ 45 सीटें ही जीत सकी थी

दिलचस्प बात यह रही कि विधानसभा चुनाव में महज 9.65 प्रतिशत वोट हासिल करने वाली कांग्रेस पार्टी एमसीडी चुनाव में 21 प्रतिशत वोट हासिल करने सफल रही थी दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा को करीब 40 प्रतिशत वोट मिले थे

लोकसभा में भी तगड़ा झटका लगा था: आपकी जानकारी के लिए हम आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि दिल्ली में सात महीने पहले ही लोकसभा चुनाव की जंग केजरीवाल बनाम मोदी की हुई थी लोकसभा चुनाव में जीत का परचम फहराने के लिए केजरीवाल की पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी थी, इसके बाद भी आप का दिल्ली में खाता भी नहीं खुल सका था  सभी सातों लोकसभा सीटों पर भाजपा कमल खिलाने में सफल रही थी