कानपुर एनकाउंटर: हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, मिले कई…

कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव का निवासी विकास के बारे में बताया जाता है कि उसने कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी है.

इसी के साथ वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा है. जानकारी के अनुसार, कानपुर में एक रिटायर्ड प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में इसको उम्र कैद हुई थी.

इसके बाद इसने राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में एंट्री की और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत गया था. जानकारी के अनुसार, इस समय विकास दुबे के खिलाफ 52 से ज्यादा मामले यूपी के कई जिलों में चल रहे हैं. पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम रखा हुआ था. हत्या व हत्या के प्रयास के मामले पर पुलिस इसकी तलाश कर रही थी

विकास की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कई जगहों पर छापेमारी कर रही है. यूपी पुलिस ने इसका सुराग देने वाले को 50 हजार रुपये के इनाम देने  का ऐलान भी किया है.यही नहीं पंचायत और निकाय चुनावों में इसने कई नेताओं के लिए काम किया और

उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए. 2001 में विकास दुबे ने बीजेपी सरकार में एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला को थाने के अंदर घुसकर गोलियों से भून डाला था. इस हाई-प्रोफाइल मर्डर के बाद शिवली के डॉन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और कुछ माह के बाद जमानत पर बाहर आ गया.

इस बीच पुलिस को विकास दुबे की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी मिले हैं. कहा जा रहा है कि विकास दुबे को पुलिस के आने की भनक पहले से लग चुकी थी और वह हमले के लिए पूरी तरह तैयार था.

कानपुर देहात में हुए एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है. घटना के 24 घंटे बाद भी वो पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. इस बड़ी वारदात के बाद पुलिस लगातार छानबीन कर रही है.