चीन को घेरने में जुटा ये देश, अब करने जा रहा…

हाल के 3-4 साल में अमेरिका ने भारत के साथ मिलिट्री एक्सरसाइज को भी बढ़ाया है। वहीं, जी-7 की बैठक में अमेरिका कोरोना वायरस और साउथ चाइना सी मुद्दे पर चीन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के लिए अपने गुट को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

 

अमेरिका ने इसलिए ही कई ऐसे स्टेट ऑफ द ऑर्ट हथियारों को भारत को दिया है जो वह जल्दी किसी दूसरे देश को नहीं देता। अमेरिकी सेना भारत के साथ हिंद महासागर में खुफिया सूचनाओं का भी आदान-प्रदान करती हैं।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई बार सार्वजनिक रूप से चीन की आलोचना कर चुके हैं। इतना ही नहीं, ट्रंप तो कोरोना वायरस को वुहान वायरस और चीनी वायरस का नाम भी दे चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप जी-7 में भारत, रूस, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को शामिल करना चाहते हैं। इन देशों के चीन के साथ संबंध अच्छे नहीं है।

कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ पूरी दुनिया में जंग जारी है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण दुनियभर में आलोचनाओं का सामना कर रहा चीन दुनिया की सबसे शक्तिशाली आर्थिक शक्तियों के संगठन ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (G-7) में भारत के शामिल होने से बुरी तरह घिरने वाला है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित चीन के धुर विरोधियों को शामिल करने के लिए इस सम्मेलन को आखिरी वक्त परसितंबर तक के लिए टाल दिया है।

दरअसल, इस संगठन में शामिल सभी 7 देश कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हैं और चीन को कई बार सार्वजनिक रूप से खरीखोटी सुना चुके हैं।

भारत के संबंध कोल्ड वॉर के समय से ही रूस के साथ बेहद प्रगाढ़ रहे हैं और अब पीएम मोदी के मास्टरस्ट्रोक से चीन को चौतरफा घेरने में जुटे डोनाल्ड ट्रंप के लिए भारत का साथ जरूरी हो गया है। ट्रंप यह जानते हैं कि भारत के बिना वह चीन को मात नहीं दे सकते हैं।