अभी – अभी दिल्ली के मुस्लिम इलाकों में हुई बंपर…चांदनी चौक का हुआ ये हाल

चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली में 61.7 फीसदी वोटिंग हुई. ये आकंड़े देर रात तक के हैं. बता दें कि आयोग को वोटिंग परसेंटेज के आंकड़े एक खास ऐप के जरिये मिलते हैं.

 

अगर तुलना करें तो इस साल वोटिंग में करीब 6 फीसदी की कमी आई. साल 2015 के चुनाव में 67.12 फीसदी वोटिंग हुई थी.

आंकड़ों पर नजर डालें तो सीलमपुर में सबसे ज़्यादा 71.4 फिसदी वोटिंग हुई. इसके बाद मुस्तफाबाद में 70.55, बदरपुर में 65.4 और सीमापुरी में 68.08 फीसदी लोगों ने वोट डाले.

इसके बाद शहादरा (65.78%) और मटियामहल (68.36) फीसदी वोटिंग हुई. ये आंकड़े फिलहाल फाइनल नहीं है और इसमें बदलाव भी हो सकते हैं.

जिन मुस्लिम बाहुल इलाकों में कम वोटिंग हुई, वो हैं चांदनी चौक (60.91%), रिठाला (59.62%), बल्लिमारन (58.28%) और ओखला (58.33%). बता दें कि ओखला विधानसभा क्षेत्र में ही शाहीन बाग का इलाका भी आता है.

जहां पिछले करीब दो महीने से नागरिकता संशोधित कानून (CAA) के खिलाफ धरना-प्रदर्शन हो रहा है. साल 2015 के चुनाव में मुस्तफाबाद को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी. मुस्तफाबाद से बीजेपी के जगदीश प्रधान ने जीत दर्ज की थी.

दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly Elections) के लिए शनिवार को वोट डाले गए. 70 सीटों पर हुए मतदान में दोपहर तक काफी कम वोटिंग (Voting) हुई थी, लेकिन दिन ढलते-ढलते लगभग हर मतदान केंद्र पर वोटरों की भारी भीड़ देखी गई.

खास कर मुस्लिम बाहुल इलाकों में सबसे ज़्यादा वोटिंग हुई. पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में 71 फीसदी से ज़्यादा वोटिंग हुई.