सैनिक गलवान इलाके, पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स एरिया से 2.5 किलोमीटर पीछे चले गए हैं। भारत ने भी प्रतिक्रिया स्वरूप अपने कुछ जवानों को वापस बुला लिया है। लद्दाख में जारी तनाव अब दूसरे महीने में दाखिल हो गया है।
चीन उस समय से ही बौखलाया हुआ है जब से लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) में सरकार ने बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर के काम को आगे बढ़ाना शुरू किया। इस बार एलएसी पर डोकलाम से कहीं ज्यादा अलग और तनावपूर्ण हो गए हैं।
पीएम मोदी ने इस संकट को हल करने के लिए अपनी उसी टीम पर भरोसा जताया है जिसने 73 दिनों बाद डोकलाम विवाद को सुलझाने में सफलता हासिल की थी। इस टीम में विदेश मंत्री और चीन के मामलों के जानकार एस जयशंकर, एनएसए अजित डोवाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत शामिल हैं।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव पर एक बड़ी खबर आ रही है। सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि लद्दाख में अब कई बिंदुओं से भारत और चीन के सैनिक चले गए हैं।
मंगलवार को पिछले एक माह से ज्यादा समय से जारी टकराव पर इस घटनाक्रम को एक बड़ा कदम करार दिया जा रहा है। इस बीच ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल ने अपने चीनी समकक्ष यांग जिएछी से स्थिति पर चर्चा की।
वरिष्ठ रक्षा विशेषज्ञ नितिन गोखले ने दावा किया है कि एनएसए डोवाल ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के एनएसए जिएछी से इस पूरी स्थिति पर बात की।
मंगलवार को एलएसी पर जो घटनाक्रम हुए हैं उसके बाद माना जा रहा है कि आगे आने वाले दिनों में चीनी जवान पैंगोंग झील के पास से भी वापस लौट सकते हैां।