दिल्ली की के विरोध में गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को अब आजाद मैदान शिफ्ट कर दिया गया है। मुंबई पुलिस आजाद मैदान में जेएनयू अटैक के विरोध में प्रोटेस्ट करने के लिए आए लोगों के नाम, उनके पहचान लेटर जाँच कर नोट कर रही हैं।
पुलिस का बोलना है कि वो ये पक्का करना चाहती है कि जो लोग प्रोटेस्ट करने के लिए आजाद मैदान में आएं थे वो यहां से ठीक सलामत गए हैं।
इसका दूसरा कारण यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस आने वाले दिनों में इन लोगों के विरूद्ध अगर कोई कानूनी कार्रवाई करती है तो उसके पास सबूत होंगे। ताकि ये पता लगाया जा सके कि ये लोग विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आजाद मैदान में आए थे व उन्होंने पुलिस के पास अपना नाम दर्ज कराया था।
आपको बता दें कि जेएनयू हिंसा के विरोध में पर जुटे प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा मंगलवार प्रातः काल हटाया गया था। ऐसा बताया जा रहा है कि बीती रात मुंबई में फ्री कश्मीर के पोस्टर दिखाई दिए थे। जिसके बाद पुलिस ने इस संवेदनशील इलाके की सुरक्षा को देखते हुए प्रदर्शनकारियों को आजाद मैदान शिफ्ट करने का निर्णय किया।
पुलिस ने कहा, ‘यहां बहुत सारे टूरिस्ट यहां पर आएंगे, लोगों को अपने कार्य पर जाना है, प्लीज आप लोग आजाद मैदान चले जाएं’ इस पर प्रदर्शनकारियों ने बोला कि यहां सबकुछ हमारे कंट्रोल में रहेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं रहा। अब प्रदर्शनकारियों को पुलिस की गाड़ी में आजाद मैदान शिफ्ट किया जा रहा है।
बता दें कि जेएनयू हिंसा के बाद से पर छात्र, फिल्मी जगत की हस्तियां व कई लोग प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे। लेकिन बीती रात गेटवे ऑफ इंडिया पर एक महिला प्रदर्शनकारी का वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में महिला हाथ में फ्री कश्मीर का पोस्टर लिए दिख रही थी। फ्री कश्मीर का मतलब है कि कश्मीर को आजाद करो।
गौरतलब है कि पांच अगस्त को हिंदुस्तान सरकार ने जम्मू और कश्मीर को विशेष प्रदेश का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था। इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर का विभाजन कर इसे जम्मू और कश्मीर व लद्धाख, दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। इसके अतिरिक्त विवादित पोस्टर सामने आया है।
मुंबई के एक एडवोकेट अभिषेक भट्ट “प्राउड अर्बन नक्सल” का पोस्टर लेकर गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन भी जेएनयू की घटना के विरोध में किया जा रहा है। वहीं संविधान पर चोट करते हुए भी एक विवादित पोस्टर प्रदर्शन के दौरान दिखा।
बता दें कि दिल्ली के जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में मुंबई में भी प्रदर्शन किया जा रहा है। यह हिंसा उस वक्त हुई जब जेएनयू की लेफ्ट की विद्यार्थी इकाई के कार्यकर्ता व जेएनयू के टीचर फीस बढ़ोतरी के मामले पर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान विद्यार्थियों के बीच हाथापाई हुई व देर रात तक प्रदर्शन हुआ।
गौरतलब है कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार (5 जनवरी) की रात को हुई हिंसा के मुद्दे में 20 ज्यादा विद्यार्थियों के घायल होने की समाचार थी। जेएनयू विद्यार्थी संघ ने दावा किया था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने हिंसा को अंजाम दिया है। वहीं, एबीवीपी ने लेफ्ट विंग पर हाथापाई करने का आरोप लगाया है। दरअसल जेएनयू परिसर में रविवार को कुछ नकाबपोश लोगों ने घुसकर विद्यार्थियों के साथ हाथापाई की व तोड़फोड़ मचाई। नकाबपोश लकड़ी के डंडे व लोहे की छड़ से लैस थे।