JIO यूज़र्स को करारा झटका, जल्द बंद हो सकती है ये सर्विस

एक खबर के मुताबिल रिलायंस जियो यूजर्स को करारा झटका लग सकता है. जी हां, दरअसल अब जियो की सेवाएं काफी हद तक प्रभावित हो सकती हैं. और दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के निवासियों के लिए जियो की सर्विस भी बंद हो सकती है.

लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि ऐसी संभावनाएं निकल कर सामने आ रही हैं। दरअसल, इसके पीछे सिर्फ एक वजह है और वो है मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और उनके भाई अनिल अंबानी की आरकॉम के बीच होने वाली डील.

सूत्रों के मुताबिक इस डील पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं और अगर यह डील नहीं हुई तो जियो के यूजर्स को इन दिक्कतों से गुजरना पड़ सकता है.

क्यों आ सकती है परेशानी

दरअसल पूरा मामला रिलायंस जियो और आरकॉम के बीच एक स्पेक्ट्रम डील को लेकर है। माना जा रहा है कि कुछ दिक्कतों की वजह से यह डील अटक सकती है. अब ऐसे में टेलिकॉम सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है अगर यह डील नहीं होती और अनिल अंबानी की कंपनी इनसॉल्वेंसी में चली जाएगी। फिर दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के जियो सब्सक्राइबर्स को सेवाओं में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.

आरकॉम पर है निर्भर जियो

अब आप सोच रहे होंगे की अगर आरकॉम में इंसोल्वेंसी आती है तो इससे जियो पर क्या फर्क पड़ेगा तो हम आपको बता दें कि एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक जियो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यो के मार्केट में 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में पांच यूनिट्स का निरंतरता वाला स्पेक्ट्रम ब्लॉक बनाने के लिए आरकॉम पर निर्भर है.

दरअसल यह बैंड 4G LTE सर्विस देने के लिए जरूरी है. इन सर्किल में जियो के पास 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 4जी एयरवेव्स की 3.8 यूनिट्स हैं और LTE कवरेज के लिए वह आरकॉम के स्पेक्ट्रम पर निर्भर है.

जियो के लिए इसलिए जरूरी है यह सौदा

अब इस संबंध में एक्सपर्ट्स का माने तो यह स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग डील जल्द से जल्द होनी चाहिए. इस डील के बाद ही जियो को आरकॉम का 4जी स्पेक्ट्रम मिलेगा.

इस साल हुई थी ये मेगा डील

इस स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग अग्रीमेंट पर साल 2017 में साइन हुए थे. इसे मंजूरी मिलने पर आरकॉम 4जी एयरवेव्स की 112.4 यूनिट्स जियो को बेच सकती है. इसमें 800 मेगाहर्ट्ज बैंड LTE स्पेक्ट्रम शामिल है.

इतना कम रह जाएगा जियो का नेटवर्क

इंडस्ट्री के एक एक्सपर्ट के मुताबिक, ‘जियो की LTE कवरेज की ओवरऑल क्वॉलिटी मुंबई, गुजरात, मध्य प्रदेश और ईस्टर्न सर्कल्स में निश्चित तौर पर बेहद कम रह जाएगी. क्योंकि उपलब्ध 800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आधा रह जाने से नेटवर्क की कैपेसिटी ऑटोमैटिकली कम हो जाएगी. और जाहिर है कि फिर जियो का नेटवर्क आधा रह जाएगा।