जम्‍मू कश्‍मीर में सोमवार को बना ये नया इतिहास लेडी ऑफिसर को मिली …की नियुक्ति

10 अगस्‍त को उन्‍होंने अपनी जिम्‍मेदारी संभाल ली है। उनकी नियुक्ति से न सिर्फ उनके परिवार में खुशी का माहौल है बल्कि उन्‍हें जानने वाले भी काफी खुश हैं।इनाबत ने साल 2018 के बैच की इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स (IA&AS) ऑफिसर हैं। वह पहली ऐसी लेडी ऑफिसर हैं जिन्‍हें यह जिम्‍मा सौंपा गया है। उन्‍होंने बताया है कि करीब एक हफ्ते पहले उनकी पोस्टिंग के ऑर्डर जारी किए गए थे। इनाबत घाटी के जाने-माने डॉक्‍टर, डॉक्‍टर अब्‍दुल खालिक की बेटी हैं।

वह सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन के प्रोफेसर रह चुके हैं। खालिक की स्‍कूली पढ़ाई श्रीनगर स्थित मैलिसन गल्‍र्स स्‍कूल से हुई। साहित्‍य और इतिहास उनके पसंदीदा विषय हैं। वह दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करना चाहती थीं लेकिन उन्‍होंने श्रीनगर श्रीनगर के एमए रोड स्थित सरकार महिला कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह साल 2016 में यूपीएससी परीक्षा में बैठीं। पहले ही प्रयास में उन्‍हें सफलता मिल गई थी और उनकी रैंक 60 थी।

 जम्‍मू कश्‍मीर में सोमवार को एक नया इतिहास बना है। यहां पर पहली बार जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल के ऑफिस में किसी कश्‍मीरी महिला की नियुक्ति की गई है। कश्‍मीर की रहने वाली इनाबत खालिक को बतौर डिप्‍टी अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) नियुक्‍त किया गया है।

उस समय उन्‍हें भारतीय रेल में नियुक्ति मिली थी। वह अपनी रैंक से संतुष्‍ट नहीं थीं और साल 2017 में फिर से उन्‍होंने प्रयास किया। इस बार उनकी रैंक 378 थी। मेरिट लिस्‍ट के बाद उनकी पहली पसंद इंडियन फॉरेन सर्विस थी। इस रैंक के बाद उन्‍हें इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स डिर्पाटमेंट में जगह मिली और उन्‍होंने सर्विस ज्‍वॉइन कर ली।

इनाबत को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित नेशनल एकेडमी ऑफ ऑडिट एंड अकाउंट्स में ट्रेनिंग मिली। उन्‍होंने बताया, ‘मेरी पहली पसंद भारतीय विदेश सेवा थी और दूसरी इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स डिपार्टमेंट। जब मुझे मेरी दूसरी पसंद की सर्विस मिल रही थी तो मैंने सर्विस ज्‍वॉइन कर ली।’ इनाबत साल 2013 में दिल्‍ली आ गई थीं और यहीं पर उन्‍होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी की। इनाबत अपनी सफलता के लिए अपने परिवार को श्रेय देती हैं जिसने हर मुश्किल समय में उनका सपोर्ट किया।इनाबत के ट्विटर हैंडल से पता चलता है कि उन्‍हें किताबें पढ़ने, लिखने और ट्रैवलिंग का शौक है। वह जम्‍मू कश्‍मीर के कुछ उन चुनिंदा लोगों में शामिल हैं जिन्‍होंने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है। उनका मानना है कि आप पढ़ाई लिखाई में बहुत अच्‍छे होया फिर आपका एकेडमिक रिकॉर्ड सर्वश्रेष्‍ठ हो, तभी आपको यूपीएससी में सफलता मिलेगी, यह जरूरी नहीं है। सबसे जरूरी है कि आप कितनी कड़ी मेहनत करते हैं या फिर आप अपने लक्ष्‍यों के लिए कितना ज्‍यादा दृढ़ संकल्पित हैं।