पाकिस्तान के मौलाना ने महिलाओ को बताया ऐसा, बोले कम कपड़े पहनती हों…

यही वजह है कि कोरोना (Corona Virus) के खिलाफ फंड जुटाने के लिए कुछ दिन पहले हुए टेलीथॉन में प्रधानमंत्री इमरान खान  व अन्य के साथ वह भी शामिल हुए थे सभी ने उनके नेतृत्व में ईश्वर से कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की थी.

 

मौलाना जमील ने कहा कि अगर ‘राष्ट्र में झूठ बोला जा रहा है, बेईमानियां की जा रही हैं, जहां लड़कियां नाच रही हों कम कपड़े पहनती हों, उस पर कोरोना जैसी विपत्ति आनी ही है.’

उन्होंने विशेषरूप में मीडिया पर देश में झूठ फैलाने का आरोप लगाया. बाद में मीडियाकर्मियों की आपत्ति पर उन्होंने कहा कि वह मीडिया से माफी मांगते हैं उनकी जुबान फिसल गई थी, लेकिन महिलाओं पर टिप्पणी पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.

मौलाना की टिप्पणी पर अपने संपादकीय में लिखा, मौलाना द्वारा यह कहना कि इस वैश्विक महामारी के लिए महिलाएं जिम्मेदार हैं, न केवल जानकारी का अभाव है बल्कि भड़काने वाला है.

यह बयान बहुत परेशान करने वाला है, सिर्फ इसलिए नहीं कि यह महिला विरोधी भावना से जुड़ा है बल्कि इसे बहुत ऊंचे मंच से बिना किसी रोक टोक के कहने दिया गया. मौलाना को माफी मांगनी चाहिए.

मानवाधिकार कार्यकर्ता निदा अली ने कहा कि ऐसे समय में जब लॉकडाउन में महिलाएं सामुदायिक सुरक्षा चाह रही हैं, सरकार मौलाना जमील को टीवी पर लेकर आती है जो इतनी बड़ी महामारी के लिए महिलाओं को जिम्मेदार बता देते हैं.

पाकिस्तान (Pakistan) के एक धर्मगुरु मौलाना तारिक जमील की दुनियाभर में कड़ी निंदा की जा रही है. दरअसल धर्मगुरु ने कोरोना के कहर के लिए ‘महिलाओं के निर्लज्ज आचरण’ विश्वविद्यालयों द्वारा युवाओं को दी जा रही ‘अनैतिक शिक्षा’ को जिम्मेदार बताया था.

दीगर बात यह है कि उनका समर्थन करने वाले भी कम नहीं हैं. मौलाना तारिक जमील के धार्मिक उपदेशों को पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में भी काफी सुना जाता है. पाकिस्तान के धर्मगुरुओं में उन्‍हें ऊंचा स्थान हासिल है.