चीन व हिंदुस्तान के बीच होगी जल्द होगी…किया जाएगा…

हिंदुस्तान का रुख दो बातों पर बिल्कुल साफ है व उससे किसी भी तरह समझौता नहीं हो सकता। पहली- एलएसी पर इंफ्रास्ट्रक्चर का कार्य न रुकेगा न धीमा किया जाएगा व दूसरी बात कि चाइना को अब किसी भी मूल्य पर आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा। गलवान वैली पूर्वी लद्दाख के अक्साई चिन के बाहरी हिस्से से लगी हुई है।

गलवान नदी काराकोरम के पूर्वी हिस्से से निकलकर अक्साई चिन के मैदानों में बहता है व फिर श्योक से मिलता है। हिंदुस्तान ने लद्दाख के सबसे दूर स्थित दौलत बेग ओल्डी इलाके तक पहुंचने वाली दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी या डीएस-डीबीओ रोड पिछले वर्ष खोल दी है। इससे दौलत बेग ओल्डी तक सैनिक व साजोसामान भेजना बहुत सरल हो गया है।

6 जून को हिंदुस्तान व चाइना के बीच कोर कमांडर स्तर की चर्चा होगी। लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर बराबर स्तर के चीनी ऑफिसर से चर्चा करेंगे।

इससे पहले हिंदुस्तान व चीनी सेना के ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता में कोई हल नहीं निकल पाया था। लद्दाख में पेंगांग झील के किनारे व गलवान वैली में पिछले एक महीने से दोनों राष्ट्रों की सेनाएं आमने-सामने हैं।

डोकलाम में 2017 में दोनों राष्ट्रों के बीच 73 दिनों तक चले तनाव के बाद पहली बार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी (LAC) पर इतने लंबे समय तक सैनिक गतिरोध हुआ है।