कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों को मिली ये बड़ी कामयाबी, तैयार किया…

रिसर्च में सामने आया कि नैनोस्पंज ने कोरोना वायरस को न्यूट्रिलाइट किया। उन्होंने बताया कि ऐसा करने पर वायरस इंसानी कोशिकाओं को संक्रमित करने में कामयाब नहीं हुआ।

 

इसे फेफड़े और इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं के साथ मिलकर लैब में तैयार किया गया है। रिसर्च में पता चला है कि नैनोस्पंज कोरोना वायरस के संक्रमण 90 फ़ीसदी तक कम जो हर बना देता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि नैनो स्पंज की खासियत यह है कि यह हमारी स्वस्थ कोशिकाओं को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता। यह उन कोशिकाओं की रक्षा करता है जिसे कोरोना वायरस संक्रमित करता है।

ऐसा देखा गया है कि कोरोना वायरस मरीजों में शरीर को बचाने वाला इम्यून सिस्टम उल्टा काम करने लगता है और नुकसान पहुंचाता है। इस स्थिति को सायटोकाइन स्टॉर्म कहते हैं।

ऐसी स्थिति में मरीज की मौत का खतरा बढ़ जाता है। नैनो स्पंज शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली ऐसी इम्यून कोशिकाओं को भी खुद में सोखकर खत्म कर देता है और इससे मरीज की मौत का ख़तरा टल जाता है।

ये स्पंज कण इंसानी बालों की चौड़ाई से 30 गुना ज्यादा महीन हैं और कोरोना वायरस को अपनी ओर आकर्षित करके खींच लेते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि नैनोस्पंज कोरोना वायरस और उसके जहरीले तत्वों को सूखता है।

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह स्पंज कोरोना वायरस से बचाने के लिए थेरेपी की तरह काम कर सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक काफी रिसर्च के बाद इस स्पंज कण को विकसित किया गया है।

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले रखा है और इस वायरस को हराने के लिए दुनिया में तमाम तरह के अध्ययन किए जा रहे हैं। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ऐसे स्पंज कण (नैनोस्पंज) तैयार किए हैं जो कोरोना वायरस को अपनी ओर खींचकर उसे मारने में सक्षम है।